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अथ भटनेररी वात
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भटनेर पातसाह हमाऊरो' थाणो रहे । तद खेतसी रकमलोत काळोत, सु तैनू एक कानूगो प्राय मिळियो । को- 'तर्न कोट दरावा । जो तू म्हारौ वासो राखे तो तद इयै कानूगानू वीजो कानूगो धकाय काढियो हुतो सु पर्छ खेतसी कनै प्रायो । तद खेनसी कह्यो - 'वाह, वाह । म्हने इतरोई जोइजै छे ।" तद खेतसी, कानूगी हेरै साथै चढि खडिया ।' खेतसीरें साथै काको' नीवो पर पूरणमल काळोत | और ही ग्रापरं साथसू भटनेर गया । तद मारग मे जावतांनू सवण हुवा - 'जु नाहरी जिनावररो माथी लिये जाय छै ।' तद सवणी आय कह्यो - 'कोट तो थे लेसो; पण थांसू ही जासी ।" तद खेतसी कह्यो–'हेकरसौ जाय बैसा । 10 पछै जाय 2, कोटनू जाय लागा । 12 ऊपरसौ कानूगै वरत नाखी । 23 खेतसी सारे ही साथसौं ऊपर चढियो । कोट लियो । वरस १० भटनेर इँयारै रह्यो । 24 अर जती १ वडगच्छौ वीकानेर रहे । " तियै कने- " एक भली वस्तु हुती सु राव जैतसी जाय मांगी । जती दीवी नही । तद जतीने मारने वस्तु लीवी । पर्छ कुवरो पातसाह " सोवो पाणीपथ सौ हिन्दुस्तान ऊपर चढियो । तै समै वै जतीरो चेलो सांम्हां जाय मिळियो । को'जु थे चालो, भटनेर लेवा ।' तद कुवरं कह्यो - 'पाणी नही ।"" ताहरां
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1 हुमायु वादशाहका । 2 उसको 1 3 यदि तू मेरी सहायता करे तो । 4 उस समय इस कानूगोको एक दूसरे कानूगोने निकलवा दिया था, इसका बदला लेनेके लिये वह खेतसीके 1 5 वाह, वाह मुझे तो यही चाहिये । 6 तब खेतसी और कानूगो साथ ले कर चढ चले । 7 चचो । 8 तव मार्गमे जाते हुएको शकुन हुए ।
पास आया ।
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9 तव शकुनीने श्राकर कहा कि कोट तो तुम ले लोगे परतु तुमसे भी चला जायेगा । 10 एक बार तो जा बैठें | फिर जाये तो जाय । 12 कोटके पास जा पहुचे 13 कानूगोने ऊपरसे रस्सा डाल दिया । 14 दश वर्ष तक भटनेर इनके पास रहा । 15 वडे गच्छका एक जती बीकानेरमे रहता है । वडगच्छ— जैन सम्प्रदायके चौरासी गच्छोमे से एक । 16 उसके पास | 17 काम बादशाह । 18 कामराने तव कहा कि इधर पानी
नही है ।