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मुहता नैणसीरी त्यात जीमी। अर मलकीन माणस म्हेलिया । कह्यो-'चोधरणन ले आवो ।' जाय घर माहै साद कियो । बोले कोई नही। जाट पायर कह्यो--'चोधरण तो प्राडो जडके सुय रही।' कह्यो-'जावो, किंवाड़ भाज जगाय ले प्रावो ।' वे जाट जाय किवाड भाजि माहि जाय देखै तो गोली बैठी छ । गोली मारी । तद गोली कह्यो-'म्हने क्यु मारो ? पांडो ले गयो। ताहरां जाटां पग लिया। जठ' चढिया तठे' सूधा देख पाया। तद साहरणा कह्यो--'प्रांपां पहुंच सगां नही।' गोदारा राव वीकैजी मगरै छ । ताहरा भाडगरा जाट सिवांणी गया। नरसिंघदास जाट सिवाणी रहै । तद नरसिबदासतूं जाटां जायनै कह्यो--'मांहरो देस तोनू दीन्ही'' तू साहरणारी ऊपर कर । तद नरसिंघदास आपरी फोज ले अर चढियो । लाधड़ियो गाम मारियो ।14 सात-बीस गोदारा काम आया। मारने पाछा. वळिया, ताहरा नकोदर पाडैरो बेटो राव वीकेजी पास गयो । आयनै रावजीनू कह्यो--'थाहरो जाट नरसिघदास जाटू मारियो जाय छ ।' तद राव वोकोजी सिधमुख सौ चढिया, सु सिधमुखसौ दोए कोसै ढाका छै, तेथ जाय पुहता । साथ सारो तळाव ऊपर उतरियो हतो ।1 अर नरसिंघदास जाटू प्राय गांम माह सासरै.
___I इधर जाटोने भोजन कर लिया । 2 और मलकीको बुलानेके लिये मनुष्य भेजे । 3 घरमे जा कर आवाज मारी। 4 चौधरन तो किंवाड बद करके सो गई है। 5 तव जाटोने (मलकीके पावोको देख कर) खोज की। 6 जहा । 7 तहा, वहा । 8 तक । 9 अपन (पांडेके पीछे) नही पहुच सकते (अपने वशकी बात नही है। 10 राव वीकाजी गोदारोके पीछे (सहायक) है। I हमारा देश तेरेको दिया। 12 तु . सहारणोकी सहायता कर । 13 अपनी। 14 लाघडिया गावको लूट लिया । 15 (१) सत्ताईस । (२) 'सातवीस'से तात्पर्य-सात वार वीस अर्थात् एकसौ चालीस भी हो सकता
राजस्थानमे दशमास गिनतीके लिये 'विंशति-पद्धति' (बीसकी सख्या के प्रयोगकी पद्धति) दी है। गांवों में अव भी है। इसे 'वीसी' भी कहते हैं । वीस वस्तुओके समूहको पांच भागोमे विभाजित करके बीससे गुणा करनेसे जो गुणनफल आता हैं उसे 'पाँच-वीस' या 'पाव-वीसी' कहते है। एक सौ दशको 'साढी पाच-वीसी' और तीन सौ को 'पन्द्रह-वीसी' कहते है। इसी प्रकार और भी। 16 मार-काट करके या लूट करके वापिस लौटे। 17 तुम्हारे जाटको नरसिंहदास जाट्र मार कर जा रहा है। 18 गांवका नाम । 10 से। 20 वटा र जा पहुंचे। 21 था । 22 ससुराल में ।
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