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, अथ वात राव वीकाजीरी लिख्यते
जाट साहरण भाड़ग' माहै रहै । अर गोदारो पाडो लाधड़ियै रहै, सु वडो दातार । अर साहरणरै बैर वैहणीवाळ मलकी। सु मलकी मांटीनू कह्यो -'गोदारो धणी कहावै छै सू चोधरी इसो दे जिसो गोदारैसू ऊपनो हुवै ।' सु जाट दारूरो छाकियो' हुतो सु चोधरणरै चाबखैरी दीवो। कह्यो-'जाह पांडैके, जो रीझी छ । ताहरा1० जाटणी कह्यो--'घरबूडा11 ! म्है तो वात कही थी।12 पछै जाटणी कह्यो- 'जो थारै मांचे प्रावू तो भाईरै आवू ।'13 जाटसू अवोलणो घातियो । मास १ सू पांडै गोदारैनू कहाव मेल्हियो15-'जु ते वदळे म्हनै ताजणो वाह्यो ।16 पांडै कह्यो--'आवै तो हूं प्राय ले जाऊं।' यूं रहतां मास ६ हुआ। तद साहरण सरब भेळा हुआ—'जु चोधरी चोधरण अबोलणो छ सु भांजां।18 अठै साहरणां बाकरा मराया । दारू मगायो । भगत हुई छै ।2 इतरै पांडो गोदारो ऊंठा साठेक ६० सौ आय, गांमरै गोरमै उतरियो। जाटणी साळ माहै गोलीनूं सुवांण भीतर कांहटो दरायो । अर कह्यो--'तनै मारै तो कहै पाडो ले गयो ।' यु कहि मलकी तो पांडेरै साथ हालती हुई ।२३ जाटां भगत
I एक गावका नाम । 2 गोदारा शाखाका पाडा नामक व्यक्ति। 3 गावका नाम। 4 साहरणकी पत्नी मलकी बेनीवाल शाखाकी। 5 मलकीने अपने पतिसे कहा। .6 उत्पन्न। 7 शरावके नशेमे छका हुआ। 8 चाबुककी। 9 यदि उस पर मुग्ध
हो गई है तो चली जा पांडेके यहा। 10 तव। II घर-घालक, घरको डुवाने वाला । 12 मैने तो यो ही बात कही थी। 13 तेरेसे हम-विस्तर होऊं तो भाईसे होऊ । 14 जाटसे नही बोलनेकी प्रतिज्ञा ले ली। 15 एक मासके बाद गोदारा पाडेको सदेश भेजा। 16 तेरी खातिर मुझे चावुकसे मारा है। 17 इकट्ठे हुए। II जाट जाटनीके परस्पर नाराजी (बोलना-चालना बद) है उसे तुडवा दे। 19 यहा साहरण जाटोने बकरे मरवाये। 20 भोजनकी तैयारी हुई है। 21 इतनेमें पाडा गोदारा भी ६० ऊटोंके साथ गावके किनारे आ कर ठहरा। 22 जाटनीने साल (कमरे) मे अपने स्थान पर एक गोलीको सुला कर भीतर साकल-कुंडी दिलवा दी। 23 यो कह करके मलकी तो पाडेके साथ चलती बनी।