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मुहता नैणसीरी ख्यात
केइक वडेरा ठाकुर वीच पडिया, जु कयो - 'ठाकुरां ! भागां पाछै कांई जावौ ? 12 तद फोजां श्राधी ही चलाई सु पोछोले जाय घोडा पाया ।" देस दीवाणरो मार पैमाल कियो । फेर पाछा मंडोहर पधार अर जोधपुर बसायो । राज कियो ।
॥ इति राव जोवाजीरी वात संपूर्ण ॥
1 इतनेमे कई एक बडे-बुड्ढे ठाकुर बीचमे पडे और कहा ठाकुरो । भागते हुग्रोके पीछे क्यों जा रहे हो ? 2 तव फौजोंको मोड कर आगे चलाया और पीछोला तालाव पर जा कर घोडोको पानी पिलाया । 3 दीवानका देश (मेवाड ) लूट कर उसे पैमाल कर दिया ।