Book Title: Lekhendrashekharvijayji Abhinandan Granth
Author(s): Pushpashreeji, Tarunprabhashree
Publisher: Yatindrasuri Sahitya Prakashan Mandir Aalirajpur
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आराधना व एकासणा व्रत ने गोरेगाँव में अनोखा वातावरण निर्मित कर दिया। आराधना के दौरान श्रावण सुदी १४ रविवार ५ अगस्त १९९० को श्री सिध्धचक्र महापूजन का आयोजन भी किया गया। श्री नवपद पर ९ दिन तक सारगर्भित प्रवचन भी हुए।
आनन्द और उल्लास के वातावरण में यह आराधना सम्पन्न होते ही पुन: अक्षयनिधि तप की सामूहिक आराधना प्रारंभ हुई।
पर्वाधिराज पर्व पर्युषण की तैयारियों के साथ तपाराधनाएँ भी प्रारंभ हुई। जिसमें मासक्षमण १६ उपवास १५ उपवास अठ्ठाइया अठ्ठम आदि अनेक विध तपश्चर्या प्रारंभ हो गई। मानो उस वर्ष गोरेगाँव मे तपस्याओं की बाढ आ गई हो।
पर्वाधिराज पर्व पर्युषण के शुभागमन पर सर्व प्रथम तीन दिवसीय अष्ठान्हिका व्याख्यान का प्रारंभ हुआ। भाद्रपद अमावस्या को श्री कल्प सुत्र का वांचन रोचक शैली में किया गया। भादवा सुदी १ की वीर जन्म वांचन के समय अप्रत्याशित धर्म में अभिवृद्धि हुई। शा मोहनलाल शंकरलालजी बागरा वालो ने वीर प्रभु का पारणा घर ले जाने का लाभ प्राप्त किया।
भाद्रवा सुदी ४ को प्रात: स्वर्णिम प्रभात में बारसा सुत्र का वाचन किया गया। श्रावक गण एक एक अक्षर को मंत्र युक्त धारण कर श्रवण कर रहे थे। बीच बीच में सार गर्भित सुत्र की महिमा भी समझाई गई। तथा संध्या के सुनहरे वातावरण में संम्वत्सरी प्रतिक्रमण कर ८४ लक्ष जीव योनि से क्षमा याचना की गई।
भाद्रवा सुदी ५ को सामूहिक पारणा कराने का लाभ शा रतनलाल शंकरलालजी बागरावालों ने प्राप्त किया उस शुभावसर पर शकुन्तला बहिन मोहनलालजी के मासक्षमण के उपलक्ष में जिनेन्द्र भक्ति स्वरुप पंचान्हिका महोत्सव का आयोजन भी भादवा सुदी ५ से प्रारंभ हुआ। भादवा सुदी ६ रविवार दिनांक २६-८-९० को एकावततारी श्री पार्श्व पद्मावती महापूजन का आयोजन हुआ जिसमें २ हजार से भी अधिक जनसंख्या उपस्थित थी। महापूजन के दौरान कलकता निवासी शा. भानमलजी वस्तीमलजी जीवाणा वालों के कर कमलों से श्री गुरु लक्ष्मण वंदना ऑडीयो केसेट का उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर मुनिराज श्री लोकेन्द्र विजयजी म.सा. ने जन सभा को उद्बोधन करते हुए कहा कि "आज समग्र महाराष्ट्र प्रदेश में उस महापूजन का अचिन्त्य प्रभाव से जैन समाज को एक नई अनुभूति का अनुभव हो रहा है। २४ भुजा युक्त माँ भगवती का हमारे पूज्य गुरुदेव श्री लक्ष्मण विजयजी म.सा. ने संवत २०२६ में पालीताणा की पावनिय तीर्थ स्थलि पर प्रत्यक्ष दर्शन किया था। पूज्य याद के शुभाशिर्वाद से पूज्य श्री लेखेन्द्रशेखर विजयजी म.सा. की निश्रा में प्रत्येक महापूजन भक्त गणों पर एक अमिट भावों से उनका हृदय ओत प्रोत कर देती है। २७ अगस्त को पहलीबार श्री राजेन्द्रसूरि गुरुपद महापूजन हुआ। भादवा सुदी ९ बुधवार २९ अगस्त ९० को श्री. अष्ठोत्तरी बृहत शांति स्नात्र महापूजन का बहुत ही उल्लास मय वातावरण में जिनेन्द्र भक्ति स्वरुप पंचान्हिका महोत्सव सम्पन्न हुआ। भादवा सुदी १० गुरुवार को श्री दमयन्ती बहन गणेशमलजी के १५ उपवास के उपलक्ष में श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ महापूजन व स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया।
भादवा सुदी १० (दुसरी) को समवसरण तपाराधिका महिला मंडल की ओर से श्री भक्तामर महापूजन का आयोजन हुआ भादवा सुदी ११ शनिवार को श्री सिद्धचक्र महापूजन का एक स
लातों के अधिकारी कभी भी बातों से नहीं मानते।
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