Book Title: Lekhendrashekharvijayji Abhinandan Granth
Author(s): Pushpashreeji, Tarunprabhashree
Publisher: Yatindrasuri Sahitya Prakashan Mandir Aalirajpur
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श्रीमान भंवरलालजी भगवानजी जैन
श्रीमान भंवरलालजी का जीवन त्यागमय आदर्शो का रहा है, जिन्होंने जीवन पर्यन्त सादगी और सदाचार को ही आत्मसात किया है। और आत्म साधना के साथ ही श्री तालनपुर तीर्थ विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया है। तालनपुर तीर्थ ने जितना भी विकास किया है, उसके पीछे आपका योगदान व प्रेरणा रही है। आज भी आपका परिवार पिता के बताये गये आदर्शो पर चलकर निरन्तर समाज सेवा एवं तीर्थ सेवा कर रहे है। उनके सुपुत्र क्रमश: श्री आनन्दीलालजी कमलचन्दजी, रमेशकुमार की और से प्रतिवर्ष पोष वद १० एवं कुक्षी में चैत्र शुक्ला १३ को स्वामी वात्सल्य का आयोजन होता है।
श्री भंवरलालजी के ही सद्प्रयत्नों से श्री आदिनाथ जिन मन्दिर एवं श्री गौडी पार्श्वनाथ जिन मन्दिर का जिर्णोध्दार हो चूका है। और आज वर्तमान में उनके सुपुत्र एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमति हरखुबाई भंवरलालजी की धर्म भावना के लिए तीर्थ के विकास में प्रगतिशील है।
निम्बाड़ क्षेत्र में श्री भंवरलालजी का व्यक्तित्व कृतत्त्व कि एक अमर देन देकर महाप्रयाण कर गये।
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