Book Title: Kalyanmandir Stotra
Author(s): Kumudchandra Acharya, Kamalkumar Shastri
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
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कल्याणमन्दिर को उत्पत्ति का संक्षिप्त
इतिहास [माज के संसार का स्तर यह है कि उसका बुद्धिवाद सहसा नाकारद स्वीकार नहीं करता करें म. क्यों? चमत्कार का सीधा सम्बन्ध 'श्रद्धा' से है-बुद्धि से नहीं। वह श्रद्धा-जिसे जिनपरिभाषा में सम्यक्त्व कहा जाता है संसार से निरन्तर उठती जा रही है इसीलिये ये पौराणिक चमत्कार किसी समय भले ही इतिहास को जीवित घटनाएं रही हों --- पर आज तो उन पर दन्तकया ही होने का आरोप किया जाता
कल्याणमन्दिर स्तोत्र की उत्पति की पीठिका भी एक ऐसी ही चमत्कारिक घटना है । जिसे निम्न कहानी में परि. लक्षित किया है । यद्यपि इस कहानी से कल्याणमन्दिर के कर्ता के सम्पूर्ण जीवन पर प्रकाश नहीं पड़ता तथापि उनके एकदेश जीवन पा सम्बन्ध इस कथा क से भलीभाति प्रकट होता है।]
ब्राह्ममुहुर्त की बेला है, शिवालयों में शङ्खनाद और घण्टानाद प्रारम्भ हो गये हैं । जो कसौटी पर कसे हुये भक्त हैं वहीं केवल इस शीत में उत्तरीय मोढ़े और अपनी लम्बी चोटी में गांठ लगाये तेजी से नमदातट की ओर बके जा रहे हैं । इन्हीं भक्तों में से एक वह है जो नित्यप्रति "गायत्री" का पाठ करता हुग्ना ग्राज भी अपनी निराली पगडंडी पर पग बढ़ाये चला जा रहा है 1......