Book Title: Kalyanmandir Stotra
Author(s): Kumudchandra Acharya, Kamalkumar Shastri
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

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Page 179
________________ यंत्र मंत्र ऋद्धि पूजन आदि सहित १८३ मुख करके, हरे रंग के प्रासन पर बैठकर श्रद्धापूर्वक ७ दिन तक प्रतिदिन १००० वार ऋद्धि-मंत्र का जाप जपे तथा गूगल और दस भिदिन धू: गिरगिल में लगा रे ॥३६॥ श्लोक ३७-पूर्व की ओर मुख करके, लालरंग के प्रासन पर बैठ कर श्रद्धापूर्वक २१ दिन तक प्रतिदिन १०८ वास ऋद्धि-मंत्र का कनेर के फलों से जाप जपे तथा निर्धूम अग्नि में कपूर और कस्तूरी मिश्रित धूप क्षेपण करे।३७। श्लोक ३८-सफेद काष्ठ की माला लेकर, सफेद रंग के प्रासन पर बैठकर १४ दिनतक प्रतिदिन १००० वार ऋद्धिमत्र का जाप जपे तथा निर्धम अग्नि में लवंग, कन्दरू, चन्दन और घृत मिश्रित धप क्षेपण करे ।३८ । __ श्लोक ३९-कमल को माला लेकर ईशान की प्रोर मुख करके, हरे रंग के प्रासन पर बैठकर ७ दिनतक प्रतिदिन १००८ वार श्रद्धासहित ऋद्धि-मंत्र का जाप जपे तथा निर्धूम अग्नि में गूगल, गरी और घृत मिथित धूप क्षेपण करे । ३९॥ ___ श्लोक ४०-रुद्राक्ष की माला लेकर, ईशान की ओर मुख करके, हरे रंग के पासन पर बैठ कर विकल्य रहित मन से १४ दिन तक प्रतिदिन १००० वार ऋद्धि-मत्र का जाप जपे तथा निर्ध म अग्नि में गरी और गूगल मिश्रित धूप क्षेपण करे ।।४०॥ __श्लोक ४५. कालं मूत की माला लेकर, पूर्व की योर मुख करके, काले रंग के आसन पर बैठ कर स्थिरचित से २१ दिनतक प्रतिदिन १००० वार ऋद्धि-मंत्र का जाप जपे तथा निर्धम अग्नि में नमक, मिर्च, गूगल और बृत मिश्रित धूप मे पण करे ।।४।।

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