Book Title: Kalyanmandir Stotra
Author(s): Kumudchandra Acharya, Kamalkumar Shastri
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
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भावश्यक सूचनाएं मन्त्रों के पाराधन में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना पावश्यक है
१-मन्त्र पर पूर्ण श्रद्धान हो।
२- मन में ग्लानि न हो, चित्त शान्त हो और शरीर स्वस्थ हो।
३-मन्त्र की साधना के समय ध्यान इधर-उधर न रखे; मन्त्र में ही निहित हो, मन की प्रवृत्ति को चलायमान नहीं करे।
४-मन्त्र की साधना के समय भयभीत न होवे।
५–मैं अमुक कार्य के लिये अमुक मन्त्र की साधना कर रहा हूँ ऐसा किसी से नहीं कहे किन्तु गुप्तरूप से मन्त्र को सिद्ध करे।
६-शुद्ध एकान्तस्थान में मन्त्र की साधना करे ।
७–मन्त्रसाधना की समाप्ति तक स्थान परिवर्तन नहीं करे।
- जिस मन्त्र की जो साधनविधि है तद्रप ही कार्य करे अन्यथा प्रवृत्ति करने से विघ्न बाधाएँ उपस्थित हो सकती हैं और सिद्धि में भी प्राशङ्का हो सकती है।
-प्रारम्भ से समाप्ति पर्यन्त दीपक, धूपदान, प्रासनी, माला, वस्त्र प्रादि चीजों में परिवर्तन नहीं करे।