Book Title: Kalyanmandir Stotra
Author(s): Kumudchandra Acharya, Kamalkumar Shastri
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

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Page 157
________________ यन्त्र मन्त्र ऋद्धि पूजन प्रादि सहित [१६१ ज्ञाने त्वयि स्फुरति विसविक महेतु अज्ञानवत्यपि सदैव कचिदेव, विश्वापि अनपालक दुर्गतस्त्वं, | indiyaneya उलोक ३० ऋद्धि-ॐ हो भह णमो भद्दा ( बला x ) प । मन्त्र-ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लू प्रौ (प्रो ! ) नमः स्वाहा । गुणा---परिपक्व ( कच्चे ) मिट्टी के बड़े द्वास कुए में पानी निकाला जाता है। फल-दक्षिण मधुरा की गुणवती नाम को स्त्री ने इस स्तोत्र के ३० ३ लोकसाहित उक्त महामन्त्र को पारापना करके मिट्टी के काले पड़े से पानी निकाल कर दर्शकों को पारयचकित किया था।

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