Book Title: Kalyanmandir Stotra
Author(s): Kumudchandra Acharya, Kamalkumar Shastri
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
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श्री कल्याणमन्दिरम्यान मार्थ
सीदन्नमय भादव्य सनाम्बरा . ।। ८१ ।।
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अयस्य देव । करुणाहद। मा पुनीहि .
देवेन्द्रबन्ध विदिनाचिन्न - वस्नुसार।
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श्लोक ४१ ऋद्धि--ॐ ह्रो मह णमो वप्पला हव्य ( ? ) ए ।
मन्त्र--* नमो भगवते यमयारि नमो ह्रीं श्रीं क्ली ऐंब्लू नमः ( स्वाहा )।
गुण---संग्राम में तीर, तलदार, परछा, भाला तथा अन्य प्रस्त्र शस्त्र सापक को घायल नहीं कर पाते।
फल---उत्सर मथुरा के राजा श्रीदर्शन ने इस स्तोत्र के ४१ में काश्यसहित मंत्र की पाराश्ना से संग्राम में शत्रु राजाओं के भस्थ-पास्त्रों को कुण्ठित कर अपनी वा अपने सेवकों की रक्षा की थी।