Book Title: Kalyanmandir Stotra
Author(s): Kumudchandra Acharya, Kamalkumar Shastri
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

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Page 152
________________ १५६] श्री कल्याणमन्दिर स्तोत्र सार्थ मन्ये नदमिनभा सुरदुन्दुभिस्त .. २६ Ma Act in एतन्त्रिवेदयति दर जगत्त्रयाय भी भी प्रमादमवधूय भजमन - in 122 - - --- - --- | Ideaitan t श्लोक २५ ऋद्धि-ही भई मो हिदक { हिंदण ! ) मलापायाए। मन्त्र--ॐ नमो (x) धरणेन्द्रपद्मावत्यै नमः (स्वाहा)। गुण--रोग, शोक मोर पीड़ा का नाश होता है। हर्ष बढ़ता है तभा सर्व प्रकार के रोग शाम्त होते है। फल-प्रतिष्ठान देश की कामन्दिका नगरी के स्वादस नामक महाजन ने इस स्तोत्र के २५ वे काव्य सहित उत्त मंत्र को साधना द्वारा प्रसाध रोगों को शाम किया था ।

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