Book Title: Jain Vidhi Vidhano Ka Tulnatmak evam Samikshatmak Adhyayan Shodh Prabandh Ssar
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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शोध प्रबन्ध सार ...21
द्वितीय भाग पूर्णरूपेण मुनि आचार का प्रतिपादन करता है। मुनि जीवन की सूक्ष्मातिसूक्ष्म चर्याओं का वर्णन इसमें करने का प्रयास किया है। इस दूसरे भाग में पाँच खण्डों को समाविष्ट करते हुए मुनि जीवन के आचार-नियमों का आगमों से अब तक जो भी स्वरूप प्राप्त होता है एवं उनमें कौनसे परिवर्तन किन कारणों से हुए? इसका विस्तृत वर्णन किया गया है। यह भाग नूतन दीक्षित मुनियों को मुनि जीवन के आचार एवं उनके हेतुओं से चिर परिचित करवाते हुए उनकी आचरण दृढ़ता में हेतुभूत बनेगा। श्रावक वर्ग को अपने कर्तव्यों के प्रति सचेष्ट करेगा। युवा पीढ़ी को मुनि जीवन की महत्ता से परिचित करवाएगा।
तीसरे भाग में कुछ ऐसे मुख्य विधानों की चर्चा की गई है जिनमें श्रावक एवं साधु वर्ग दोनों की ही प्रमुखता रहती है। इन विधानों को सम्पन्न करने हेतु दोनों का तालमेल होना आवश्यक है। प्रतिष्ठा, प्रायश्चित्त, प्रतिक्रमण आदि कुछ ऐसे अनुष्ठान हैं जो दोनों की उपस्थिति में सम्पन्न हो सकते हैं। इन विधानों को किस रूप में तथा किस प्रकार समाचारित करना चाहिए? पूर्व काल में इनका क्या स्वरूप था एवं वर्तमान में किस रूप में किए जाते हैं आदि की सम्यक चर्चा छह खण्डों के माध्यम से इस भाग में की गई है। ___चतुर्थ भाग का विषय है मुद्रा। इस भाग को विश्वव्यापी बनाते हुए इसमें विभिन्न संप्रदायों में प्राप्त सहस्राधिक मुद्राओं की चर्चा की गई है। यह जैन धर्म की व्यापक मानसिकता एवं उदारता का परिचायक है। इसी के साथ अब तक प्राप्त मुद्राओं के स्वरूप को स्पष्ट करते हुए शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक क्षेत्र में उसके प्रभावों का विस्तृत निरुपण किया गया है।
इस तरह यह चार भाग कुल इक्कीस खण्डों में विभाजित हैं। इससे पाठक वर्ग प्रत्येक विषय का सम्यक रूप से अध्ययन कर सकेगा। सुस्पष्ट है कि प्रथम भाग को तीन खण्डों में, द्वितीय भाग को पाँच खण्डों में, तृतीय भाग को छ: खण्डों में एवं चतुर्थ भाग को सात खण्डों में उपविभाजित किया है।
इस खण्ड विभाजन का मुख्य उद्देश्य विविध विषयों को पृथक रूप से स्पष्ट करना है। प्रत्येक विषय का क्षेत्र इतना विस्तृत है कि उस पर स्वतंत्र शोध कार्य किया जा सकता है। इसी अपेक्षा से उनका यथा संभव स्पष्टीकरण करने का प्रयास किया है।