Book Title: Ganitsara Sangrah
Author(s): Mahaviracharya, A N Upadhye, Hiralal Jain, L C Jain
Publisher: Jain Sanskriti Samrakshak Sangh
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१८४]] गणितसारसंग्रहः
[७.९द्विसमत्रिभुजक्षेत्रस्यायामः सप्तसप्ततिर्दण्डाः । विस्तारो द्वाविंशतिरथ हस्ताभ्यां च संमिश्राः ॥९॥ त्रिभुजक्षेत्रस्य भुजस्त्रयोदश प्रतिभुजस्य पञ्चदश । भूमिश्चतुर्दशास्य हि दण्डा विषमस्य किं गणितम् ।। १० ।। गजदन्तक्षेत्रस्य च पृष्ठेऽष्टाशीतिरत्र संदृष्टाः । द्वासप्ततिरुदरे तन्मूलेऽपि त्रिंशदिह' दण्डाः ॥११।। क्षेत्रस्य दण्डषष्टिर्बाहुप्रतिबाहुकस्य गणयित्वा । समचतुरश्रस्य त्वं कथय सखे गणितफलमाशु ॥१२॥ आयतचतुरश्रस्य व्यायामः सैकषष्टिरिह दण्डाः। विस्तारो द्वात्रिंशब्यवहारं गणितमाचक्ष्व ॥१३॥ दण्डास्तु सप्तषष्टिविसमचतुर्बाहुकस्य चायामः । व्यासश्चाष्टत्रिंशत् क्षेत्रस्यास्य त्रयस्त्रिंशत् ॥१४॥ क्षेत्रस्याष्टोत्तरशतदण्डा बाहुत्रये मुखे चाष्टौ । हस्तैत्रिभियुतास्तस्त्रिसमचतुर्बाहुकस्य वद गणक ॥ १५॥ विषमक्षेत्रस्याष्टत्रिंशद्दण्डाः क्षितिर्मुखे द्वात्रिंशत् । पश्चाशत्प्रति बाहु षष्टिस्त्वन्यः किमस्य चतुरश्रे॥१६॥ परिधोदरस्तु दण्डात्रिंशत्पृष्ठं शतत्रयं दृष्टम् । नवपश्चगुणो व्यासो नेमिक्षेत्रस्य किं गणितम् ॥ १७ ॥
१. B और M दोनों में त्रिंशतिः पाठ है ! छंदकी आवश्यकतानुसार इसे त्रिंशदिह रूप में शुद्ध कर रखा गया है।
२. B में "प्रति" के लिये "देक" पाठ है। में दो भुजाओं द्वारा प्ररूपित लम्बाई ७७ दंड है, और आधार द्वारा नापी गई चौड़ाई २२ दंड और २ हस्त है; क्षेत्रफल निकालो ॥ ९ ॥ विषम त्रिभुज के सम्बन्ध में एक भुजा १३ दंड, सम्मुख भुजा १५ दंड, और आधार १४ दंड है । इस आकृति के क्षेत्रफल का माप क्या है ? ॥ १०॥ हाथी के दाँत के मध्य से फाड़े हुए छेद ( section ) की आकृति के बाहरी वक्र की लम्बाई ८८ दंड है, भीतरी वक्र की लम्बाई ७२ दंड है, और जड़ के पास की मुटाई ३० दंड है; क्षेत्रफल निकालो ॥ ११ ॥ समायत (वर्ग) के सम्बन्ध में, जिसकी भुजाओं में से प्रत्येक ६० दंड है, हे मित्र, शीघ्रही क्षेत्रफल का परिणामी नाप बतलाओ ॥१२॥ आयत चतुरश्र क्षेत्र के सम्बन्ध में यहाँ लम्बाई ६१ दंड है और चौड़ाई ३२ दंड है । व्यावहारिक क्षेत्रफल बतलाओ ॥ १३ ॥ दो समान बाहुओं वाले चतुर्भुजों की प्रत्येक समान भुजा की लम्बाई ६७ दंड है, चौड़ाई ( आधार पर ) ३८ है और ( ऊपर ) ३३ दंड है। क्षेत्रफल का माप बतलाओ ॥ १४ ॥ तीन बराबर भुजाओं वाले चतुर्भुज क्षेत्र की प्रत्येक समान भुजा १०८ दंड की है, और शेष (मुख अथवा ऊपरी ) भुजायें ८ दंड ३ हस्त हैं। हे गणितज्ञ, इस क्षेत्र के क्षेत्रफल का माप बतलाओ ॥ १५॥ विषम चतुर्भुज का आधार ३८ दंड, ऊपरी मुख-भुजा ३२ दंड, बाजू की एक भुजा (प्रतिबाह) ५० दंड और दूसरी ६० दंड की है। इस आकृति का क्षेत्रफल क्या है ? ॥ १६ ॥ किसो कंकण में भीतरी वृत्ताकार सीमा ३० दंड की है, बाहरी वृत्ताकार सीमा ३०० दंड है और कङ्कण की चौड़ाई ४५ है। इस कङ्कण (नेमि क्षेत्र) का क्षेत्रफल निकालो ॥ १७ ॥ बालचाँद सदृश एक आकृति की चौड़ाई २ हस्त है। बाहरी वक्र ६८ हस्त और (११) इस गाथा में कथित आकृति का आकार बाजू में दी गई आकृति के समान होता है ।
प्रयोजन यह है कि इसे त्रिभुजीय क्षेत्र के समान वर्ता जावे, और तब इसका क्षेत्रफल त्रिभुजीय क्षेत्रों सम्बन्धी नियम द्वारा निकाला जाय ।