Book Title: Ganitsara Sangrah
Author(s): Mahaviracharya, A N Upadhye, Hiralal Jain, L C Jain
Publisher: Jain Sanskriti Samrakshak Sangh

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Page 366
________________ परिशिष्ट-३ उत्तरमाला अध्याय-२ (२) ११५२ कमल (३) २५९२ पद्मराग (४) १५१५१ पुष्यराग (५) ५३९४६ कमल (६) ९२५५३२७९४८ कमल (७) १२३४५६५४३२१ (८) ४३०४६७२१ (९) १४१९१४७ (१०) १११११११११ (११) ११००००११००००११ (१२) १०००१०००१ (१३) १००००००००१ (१४) १११११११११, २२२२२२२२२, ३३३३३३३३३, ४४४४४४४४४, ५५५५५५५५५; ६६६६६६६६६, ७७७७७७७७७, ८८८८८८८८८, ९९९९९९९९९ (१५) ११११११११ (१६) १६७७७२१६ (१७) १००२००२००१ (२०) १२८ दीनार (२१) ७३ सुवर्ण खंड (२२) १३१ दीनार (२३) १७९ सुवर्ण खंड (२४) ८०३ जम्बू फल (२५) १७३ जम्बू फल (२६) ४०२९ रत्न (२७) २७९९४६८१ सुवर्ण खंड (२८) २१९१ रत्न (३२) १, ४, ९, १६, २५, ३६; ४९; ६४; ८१, २२५, २५६, ६२५; १२९६, ५६२५ (३३) ११४२४४; २१७२४९२१, ६५५३६ (३४) ४२९४९६७२९६; १५२३९९०२५ १११०८८८९ (३५) ४०७९३७६९; ५०९०८२२५; १०४४४८४ (३७) १, २, ३, ४, ५, ६, ७, ८, ९, १६; २४ (३८) ८१; २५६ (३९) ६५५३६, ७८९ (४०) ७९७९, १३३१ (४१) ३६,२५ (४२) ३३३, १११, ९१९ (४८) १,८;२७; ६४१२५, २१६; ३४३,५१२, ७२९, ३३७५,१५६२५, ४६६५६, ४५६५३३, ८८४७३६ (४९) १०३०३०१,५०८८४४८% १३७३८८०९६,३६८६०१८१३, २४२७७१५५८४ (५०)९६६३५९७, ७७३०८७७६; २६०९१७११९; ६२८४७०२०८ .१२०७ १४९६२५ (५१) ४७४१६३२ ३७९३३०५६, १२८०२४०६४; ३०३४६४४४८, ५९२७०४००० १०२४१९२५१२; १६२६३७९७७६; २४२७७१५५८४ (५२) ८५९०११३६९९४५९४८८६४ (५५) १, २, ३, ४, ५ ६, ७, ८, ९, १७, १२३ (५६) २४; ३३३; ८५२ (५७) ६४६४; ४२४२ (५८) ४२६; ६३९ (५९) १३४४; ११७६ (६०) ९५०६०४ (६५) ५५; ११०; १६५; २२० २७५, ३३०,३८५; ४४०, ४९५; ५५० (६६) ४० (६७) ५६४; ७५४, ९८०; १२४५; १५५२; १९०४, २३०४ (६८) ४०००००० (७१) ५, ८; १५ (७२) ९, १०; (७७) २; २ (७९) २; ५२०; १०; जब कि चुनी हुई संख्याएँ २ और १० रहती हैं । (८३) २, ३, ५, २, ३,५।। (८५) १२०; २४: जब कि इष्ट श्रेदि का योग ज्ञातयोग से द्विगुणित होता है। तथाः ३०:६० जब कि इष्ट श्रेदि का योग ज्ञातयोग से आधा होता है। (८७) ४६, ४; जब कि योग समान होते हैं। तथा; ३६; २४; जब कि एकयोग दूसरे से द्विगुणित होता है । तथा; ४४; २६; जब कि एकयोग दूसरे से त्रिगुणित होता है । (८८) १००:२१६; जब कि योग समान हों। तथा: २३२, १९२; जब कि एक योग अन्य से द्विगुणित होता है। तथा; ३४: २२८; जब कि एक योग अन्य से आधा है। (९०) २१; १७, १३, ९, ५, १, २५; १७, ९, १ (९२) ६; ५, ४, ३,२; १ (९६) ४३७४ स्वर्ण सिक्के (९९) १२७५ दीनार (१००) ६८८८७, २२८८८१८३५९३ (१०२) ४२

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