Book Title: Ganitsara Sangrah
Author(s): Mahaviracharya, A N Upadhye, Hiralal Jain, L C Jain
Publisher: Jain Sanskriti Samrakshak Sangh

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Page 426
________________ जीवराज जैन ग्रन्थमाला, सोलापूर (1) तिलोयपण्णत्ति भाग 1 ला (2) तिलोयपण्णत्ति भाग 2 रा (3) Yasastilaka and Indian Cultvre (4) पाण्डवपुराण ( शुभचन्द्र ) (5) पाकृतशब्दानुशासनम् ( त्रिविक्रम ) (6) सिद्धान्तसारसंग्रह (नरेन्द्रसेन ) 7o) Jainism in South India and Some Jaina Epigraphs (8) जंबूदीवपण्णत्ति-संगहो ( पद्मनन्दी) (9) भट्टारकसंप्रदाय (10) प्राभृतादिसंग्रह (11) पद्मनन्दिपञ्चविंशति (12) आत्मानुशासन ( गुणभद्र ) (13) लोकविभाग पट्खण्डागम ( धवलसिद्धान्त) भाग शास्त्राकार पुस्तकाकार अपाप्य अप्राप्य 10-12 रु,१२-० * आगामी प्रकाशन * विश्वतत्त्वप्रकाश, सुभाषितसंदोह, पुण्यास्रवकथाकोश, राजस्थान में जैनधर्म, ज्ञानावर्ण, धर्मपरीक्षा, धर्मरत्नाकर इन्यादि.

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