Book Title: Bruhat Kalpsutra Bhashya Ek Sanskritik Adhyayan
Author(s): Mahendrapratap Sinh
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 26
________________ भौगोलिक सामग्री गोयावरी इसकी पहचान वर्तमान गोदावरी नदी से की जाती है।७५ इसी नदी पर पइट्ठाण स्थित था।७६ इस प्रकार यह ग्रन्थ बृहत्कल्पसूत्र कालीन भौगोलिक परिस्थितियों की सम्यकतया विवेचन करता है जिसमें उस समय प्रचलित देशों, ग्रामों, जनपदों, नदियों, पर्वतों, का उपलब्ध तथ्यों के आधार पर वर्णन किया गया है। संदर्भ १. बृहत्कल्पभाष्य, गा. ३२८९ २. ऐतिहासिक स्थानावली, विजयेन्द्र कुमार माथुर, राजस्थान हि.ग्र.अ. जयपुर, १९९०, पृ. ९७७ ३. जगदीशचन्द्र जैन, जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज, पृ. ४७२ ४. दशवैकालिकचूर्णि, पृ. ४० ५. महाभारत, सभापर्व, १४.५३ ६. बृहत्कल्पभाष्य, गा. ११२३ ७. वसुदेवहिण्डी, पृ. ७७ ८. बृहत्कल्पभाष्य, गा. ६१०२ ९. वही, गा. ३२७७ १०. वही, गा. ६१०३ ११. वही, गा. ५७०६ १२. जगदीशचन्द्र जैन, जैनागम साहित्य में भारतीय समाज, पृ. ४८० १३. वही, पृ. ४८५ १४. बृहत्कल्पभाष्य, गा. ५६३९ १५. जै. आ. सा. में भा. स., पृ. ४८५ १६. जिनप्रभसूरि, विविधतीर्थकल्प, पृ. ७० १७. बृहत्कल्पभाष्य, गा. ५४४१, ४२ १८. वही, गा. १२३९ (देखें वृत्ति) १९. निशीथचूर्णि १५.५०९४ की चूर्णि २०. आवश्यकचूर्णि, श्रीऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेता. संस्था, रतलाम, १९२९, २, पृ. ३७

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