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क्रोध
मान माया
लोभ
द्विक संजोगिया क्रोध मान माया
लोभ
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त्रिक संजोगिया ३२ भांगा
क्रोध मान माया
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चउक संजोगिया १६ भांगा
क्रोध मान माया
लोभ
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६१. *अवगाहना ते तनु नी तेथ, तथा आधारभूत जे खेत।
स्थान प्रदेश वृद्धि करि जाण, जूआ-जूआ जे विभाग पिछाण ।।
६१. 'ओगाहणाठाण' त्ति अवगाहन्ते-आसते यस्यां साऽव
गाहना-तनुस्तदाधारभूतं वा क्षेत्र तस्याः स्थानानिप्रदेशवृद्धघा विभागा: अवगाहनास्थानानि ।
(३०-५०७१) १२. इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पूढवीए तीसाए निरया
वाससयसहस्सेसु एगमेगंसि निरयावासंसि नेरझ्याणं केवइया ओगाहणाठाणा पण्णता?
६२. एप्रभु ! रत्नप्रभाई ताम, तीस लक्ष है नरकावास।
इक-३क नरकावासै जान, अवगाहन ना कितला स्थान ?।। __ *लय-खिण गई रे मेर खिण गई
नरकाबास जान, अवगाहन ना कितला स्थान। २. सीमापुरते पानीका करीब सील दिवाण
१३४ भगवती-जोड़
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