Book Title: Ang Sootra Vishayaanukram 02
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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आगम संबंधी साहित्य
अंगसूत्र-लघुबृहविषयानुक्रमौ
[ अंगसूत्र-५. "भगवती" ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रस्य विषयानुक्रम: (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
भगवती
सूत्रांक
लघुक्रमः॥
यहां देखीए
॥११॥
७ उद्देशः । ६७५ (७९१) ११ उद्देशः । ७०१ (८२३) | ५ उद्देशः । ७५१ | ८, । ६८३ (७९३) १२ । ७०४ (८३२) | ६ , । ७८६ । ९७७ (९०९) ९ , । ६८५
| १६, । ७०८ (८३३) | ७ , ८०५/१०७० (९२७) १०, । ६८८ (८००) | १९ । । ७११ (८३४) । ८ , । ८०६ (९२८) ६९१-८७७ एकविंशतितमं शत
७१२ (८४२) १म, । ८१० (,) कम् २१ ८०२ २१ । ७१३ (८४६) ८१८-१०८७ पइविंशतितमं शतम् २६९३८ ॥ वर्गाः ८ उद्देशाः ८०॥ (.) २२ । ७१४ (८४७)
१ उद्देशः । ८१५। १०८ (९३४) १९२-८८७ द्वाविंशतितमं शतकम् २२८०४, २३ । ७१५
(८४८)- २ " 1८१६ (९२५) | ६९३-८९६ त्रयोविंशतितमं शत
२४ । ७१६
| ३ , । ८१८ (९३८) कम् २३ ८०५ ८१०-१०७३ पञ्चविंशतितमं शतम् २५ ९२८
८१९ सप्तविंशतितमं शतम् २७ ९३८ |७१६-९२७ चतुर्विंशतितमं शत
८२२ अष्टाविंशतितमं शतम् २८ ९४० कम् २४ ८५२ १ उद्देशः । ७२०। ९३० (८५५) |
८२४ एकोनविंशतित्तमं शतम् २९ ९४२ । १ उद्देशः । ६९८ । ९२ (८१७) | २ । ७२४ (८५८) |८२९ त्रिंशत्तमं शतम् ३० (८२१) | ३ , । ७३४ | ९४७ (८७२) | १ उद्देशः । ८२६
(९४७) | ३ , । ७०० (८२२) | ४ , ।७४६ (८८७) | ११, । ८२९ (९४८)
दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक
आगम सुत्ताणि'
(८५२)
॥११॥
~19~

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