Book Title: Ang Sootra Vishayaanukram 02
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
View full book text
________________
आगम संबंधी साहित्य
अंगसूत्र-लघुबृहविषयानुक्रमौ
[ अंगसूत्र-१. “आचार"] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रस्य विषयानुक्रम: (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
आचाराङ्गे|
हत्क्रमः।।
यहां देखीए
दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक
आगम सुत्ताणि
१३४ नि० प्रत्येकतरुजीवराशिपरिमाणम् | १५० ,, वनस्पतेर्विभागतो द्रव्यभावशस्त्रम्
त्वं विधानादिना ६७ १३५ नि० शेषा आशाग्राह्याः
१५१,, वनस्पतेरुक्तशेषद्वाराणां पृधि- | १५३ ,, अस-लब्धिगतिभ्यां द्विधा १३६-२३७ नि० साधारणबनस्पति
व्याः सादृश्यम् १५४ ,, त्रसजीवभेदाः लक्षणम् ५९ | ४० वनस्पत्यारम्भाकरणेऽनगारत्वम् १३८ नि० मूलप्रथमपत्रयोरेकजीवत्वम् ४१ गुणावर्त्तयोरक्यम्
६२
| १५५ ,, त्रसजीवोत्तरभेदाः (योनिकुलानि) १३९-१४० नि० अनन्तकायलक्षणम् ४२ वनस्पत्यभिनिवृत्तशब्दादीनां सर्व
| १५६ १५७ ,, त्रसजीवानां दर्शना१४१ नि साधारणवनस्पतेर्भेदाः ।
दिग्भाक्त्वम् ६३
दीनि (१९) लक्षणानि ६८ १४२ नि० एकाद्यसङ्ग्याताना प्रत्येक ४३शब्दादिगुणागुप्तत्वाऽनाज्ञाकारित्वमूक्ष्४
| १५८ , त्रसजीवानां परिमाणम् ___ दृश्यत्वम् । | ४४ शब्दादिगुणास्वादेऽसंयमानुष्ठायित्वम् १५९, विरहितप्रवेशनिगमपार१४३ नि. साधारणेऽनन्तानां दृश्यत्वम् ६० ४५शब्दादिगुणप्रमत्तत्वे गृहस्थत्यम्
माणम् ६९ १४४ नि० सूक्ष्मानन्तजीवपरिमाणम् ४६ वनस्पतिशस्त्रसमारम्भेऽम्यतीथिकदशा| १६०, उपभोगशस्त्रवेदनाद्वारत्रयम् १४५ नि० यादरनिगोदपरिमाणम् ४७ वनस्पतिजीवास्तित्वे लिङ्गम् | १६१-१६२ ,, मांसाधुपभोगार्थ १४६, १४७ ,, उपभोगविधिः, आहा
(जन्मवृद्धयादि) ६५
जीववधः रादिरातोद्यादिश्च ४८ वनस्पत्यारम्भतत्परिहाराभ्यां |१६३ , उक्तशेषद्वाराणां पृथिव्याः सा१४८ ,, उपभोगोपसंहारः, वधहेतुश्च ६१
बन्धमुनित्वे ६६
दृश्यम् ७० १४९, वनस्पतेः समासद्रव्यशखं कल्प- ..
॥ पञ्चम उद्देशकः ॥ ४९ अण्डजादित्रसभेदकथनपूर्वकं संसान्यादि ।१५२ नि पृथ्वीत्रसद्धारसाश्य, नाना
रस्वरूपम्
~29~

Page Navigation
1 ... 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179