Book Title: Agam 43 Uttarajjhayanam Mulsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मायण-५
-
१३91-4
॥१३२।।
१३३॥ -6
।।१३४ -7
||१३५|| -8
11१३६॥ .
॥१३७|| -10
।।१३८|| -11
।।१३९|| -12
(११२) तत्यिमं पढमं ठाणं महावीरेण देसियं
कामगिद्धे जहा बाले मिसं कूराई कुव्वई (१३) जे गिद्धे कामभोगेसु एगे कूड़ाय गच्छई
नमे दिट्टे परे लोए चक्खुदिहा इमा रई (१३) हत्यागया इसे कामा कालिया जे अनागया
कोजाणइपरे लोए अत्थिया नस्थि या पुष्णो (१३५) जणेव सद्धिं होक्खामि इइ बाले पगमाइ
कामभोगाणुराएणं केसं संपडिवाई (१५६) तओ से दंड समारभई तसेसु यावरेसुय
अटाए य अणवाए भूयगामंविहिंसई (१३७) हिंसे दाले मुसाबाई माइल्ले पिसुणे सढे
मुंजमाणे सुरं मंस सेयमेयं ति मन्नई (114) कापसा वयसा मत्तै विते गिद्धेय इत्यिसु
दुहओ मलं संचिणइसिसणागव्व मट्टियं (११९) तओ पुट्ठो आयंकेणं गिलाणो परितप्पई
पभीओ परलोगस्स कम्पाणुप्पेहि अप्पणो (१४०) सुया मे नरए ठाणा असीलाणं च जा गई
बालाणं कूरकम्पाणं पगाढा जत्य वेयणा (1) तत्योववाइयं ठाणं जहा मेयमणुस्सुयं ।
आहाक मेहिं गछतो सो पच्छा परितपई (१२) जहा सागडिओ जाणं समंहिया महापहं
विसमं मग्गमोइण्णोअखे मार्गमि सोयई (१४) एवं धर्म विउक्काम अहम्मं पडियञ्जिया
वाले मधुमुरंपते अक्खे मग्गे व सोयई (१rr) तओ से मरणंतभिबाले संतसई मया
अकाम मरणं मरई धुत्ते य कलिनाजिए (१४५) एवं अकाममरणंबालाणं तु पवेइयं
एतो सकाममरणं पंडियाणं सुणेह मे (१४) मरणं पिसपुण्णाणं जहा मेयमणुस्सुयं
विप्पसण्णमणाघायं संजयाण वुसीपओ (१४७) न इमं सव्वेसु भिक्खू न इमं सव्वेसु गारिसु
नाणासीला अगारत्या विसमसीला य भिक्खुणो (१४८) संति एगेहिं भिक्खूहि मारत्या संजमुत्तरा
गारत्येहि यसव्येहि साहयो संजमुत्तरा (१४९) विराजिणं नगिणिणंजडी संघाडिमुंडिणं
एयाणि विन तायंति दुस्सीलं परियागयं
||१४०|| -13
॥१४॥ -14
||१२|| -15
॥१४३|| -18
mmu-17
||१४|| -10
||१४६|| -18
||१७||-20
||१४८11-21
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114