Book Title: Agam 43 Uttarajjhayanam Mulsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 21
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra १२ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (१५०) पिंडोलएव्व दुस्सीले नरगाओ न मुधई भिक्खाए या गित्ये वा सुव्वए कम्पई दिवं (१५१) अगारि-सामाइयंगाई सही कारण फासए पोसहं दुहओ पक्ख एगरायं न हावए ( १५२ ) एवं सिक्खासमायने गिहिवासे वि सुव्यए मुम्बई छविपव्वाओ गच्छे जक्खसलोगयं (१५३) अह जे संवुडे भिक्खू दोण्डं अत्रयरे सिया सव्व दुक्खपहीणे वा देवे यावि महिडिए (१५४) उत्तराई विमोहाई जुईमंताणुपुव्वसो समाइग्णाई जक्खेहिं आवासाइं जसंसिणो (१५५) दीहाउया इष्टिमंता समिद्धा कामरूविणो अहुणोववन्नसंकासा मुजो अधिमालिप्पभा (१५६) ताणि ठाणाणि गच्छंति सिक्खिता संजमं तवं मिखाए या गिहित्ये वा जे संति परिनिव्युडा (१५७) तेसिं सोचा सपुजाणं संजयाणं बुसीमओ न संतसंति मरणंते सीलवंता बहुस्सुया (१५८) तुलिया विसेसमादाय दयाधम्मस्स खंतिए विप्पसीएस मेहावी तहाभूएण अप्पणा (१५९) तओ काले अभिप्पेए सही तालिसमंतिए विणएज लोमहरिसं पेयं देहस्स कंखए (१६०) अह कालंमि संपत्ते आघायाय समुरसयं सकाममरणं मरई तिप्हमन्त्रयरं मुणी त्ति बेमि • पंचमं अज्झयणं समतं • छ अझयणं-खुट्टा नियंटिज्जं (१५१) जावंतऽ विजापुरिसा सव्ये ते दुक्खसंभवा लुप्यंति बहुसो मूढा संसारम्मि अनंतए (१६२ ) समिक्ख पंडिए तम्हा पासजाई पहे बसू अप्पणा सहासेजा मेतिं मूसु कम्पए (१६३) माया पिया हुसा माया भज्जा पुत्ता य ओरसा नालं ते मम ताणाए लुप्पंतस्स सकम्मुणा (१६४) एयमहं सपेहाए पासे समियदंसणे छिंदे गेहिं सिणेहं च न कंखे पुव्वसंधुयं (१६५) गवाएं मणिकुंडलं पसवो दासपोरुसं सव्वमेयं चइत्ताणं कामरूवी मविस्तसि (१३५) यावरं जंगमं चैव धणं धनं उवक्करं पद्यमाणस्स कम्पेर्हि नालंदुक्खाउ मोयणे For Private And Personal Use Only उत्तरायणाणि - ५/१५० ॥१४९॥-22 |1940||-29 194911-24 1194211-25 1194311-28 ।।१५४|| -27 1194411-28 1194411-29 ॥१५७॥१-३० ॥१५८|| -31 1194811-32 1192011-2 ॥१६१॥ -2 ॥१६२॥-3 ||१६३॥ -4 ॥१६४॥ -6 ||१५|| -

Loading...

Page Navigation
1 ... 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114