Book Title: Agam 43 Uttarajjhayanam Mulsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
YE
उत्तरायणापि-२०/७२०
I७१४||-18
||७१५|-17
॥७१६॥-18
॥७१७||-19
७१८0-20
11७१९||-21
७२०||-22
॥७२१11-23
||७२२|1-24
(७२८) नतुमंजाणे अणाहस्स अत्यं पोत्य च पत्थिवा
जहा अणाहो मवईसणाहो था नाराहिवा (७२९) सुणेह मे महाराय अव्वरिखतेण चेयसा
दहा अणाहो भवई जहा मेयं पयत्तियं (१०) कोसंबी नाम नयरी पुराणपुरभेयणी
तत्य आसीपिया मझपभूयघणसंचओ (७३७) पढमे वए महाराय अउला मे अच्छिवेयणा
अहोत्याविउलो दाहोसष्यगत्तेसु पत्थिया (७३२) सत्यं जहा परमतिक्खं सरीरविवरन्तरे ।
आवीलिज अरीकुद्धो एवं मे अछिवेषणा (७३३) तियं मे अंतरिच्छं च उत्तमंगं च पीडई
इंदासणिसमा घोरा वेयणा परमदारुणा (७३४) उवडिया मे आयरिया विशामंततिगिच्छगा
अबीया सत्यकुसला मंतमूलविसारया (७३५) ते मे तिगिच्छं कुवंति चाउप्पायं जहाहियं
नय दुक्खा विमोयंति एसा मज्झ अणाहया (१) पिया मे सब्बसारंपि दिजाहि मम कारणा
नय दुक्खा विमोयंति एसा मज्झअणाहया (७३०) माया वि मे महाराय पुत्तसोगदुहटिया
नय दुस्खा विमोयएइत एसा मझअणाहया (७३८) भायरो मे महाराय सगा जेट्टकणिठगा
नय दुक्खा विमोयंति एसा मजअझअणाहया (०३९) पइणीओ पे महाराय सगाजेनुकणिडगा
नय दुक्खा विमोयंति एसामग्झअणाहया (७०) पारिया मे महाराप अणुरत्ता अणुव्बया
अंसुपुण्णेहि नयणेहिं उरंभे परिसिंचई (७ri) अनं पाणं च ण्हाणं घगन्धमल्लविलेवणं
मए नायमनायं वा साबाला नोय मुंजई (१२) खणं पिमे महाराय पासाओ मेन फिटई
न यदुक्खा विमोएइ एसा मग्न अणाहया (७४३) तओ हंएवमाहंसुदुक्खमाहुपुणो पुणो
वेयणा अणुभविउंजेस संसारम्मि अनंतए (uxr) सयंचजइ मुच्चेजा येयणा विउला इओ
खंतो दंतो निरारंभो पव्वए अणगारियं (७४५) एवंच चिंतइत्ताणं पसुत्तोमि नराहिवा
परीयदृतीए राईए वेयणा मे खयं गया
।।७२३||-26
॥७२४||-28
७२५|-27
॥७२६॥-28
I७२७1-29
॥७२८11-30
७२९१-31
॥७३०11-32
७३१||-33
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114