Book Title: Agam 43 Uttarajjhayanam Mulsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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उतरणपणादि-IVI४८२
॥१३९911-18
॥३९२11-19
॥१३९३11-20
॥१३९४||-21
||१३१५||-22
॥१३९६|-29
॥१३९७||-24
॥१३९८1-25
१३९९।।-28
(१४२) रसओ परिणयाजे उपंचहाते पकित्तिया
तित्तकायकसाया अंबिला महरातहा (१४४३) फासओ परिणया जे उ अट्टहा ते पकित्तिया
कक्खडा मउयादेवगड्या लहुया तहा (Sxer) सीया उण्डायनिहायतहालुक्खा याठिया
इय फासपरिणयाएए पुग्गलासमुदाहिया (१४८५) संठाणपरिणयाजे उपचंहा ते पकित्तिया
परिमंडलाय बायतंसा घउरंसमायया (१४८६) वण्णओ जे भवे किण्हे पाइए से उगंधओ
रसओ फासओ चेव भइए संठाणओविय (१४८७) यण्णओजे भवे नीले मइए से उगंधओ
रसओ फासओ घेद मइएसंठाणओविय (१४) वण्णओ लोहिए जे उ भइए से उगंधओ
रसओ फासओ चेव भइएसंठाणओविय (१४८९) वण्णओ पीयएजेउ माइए से उगंधओ
रसओ फासओ चैव भइएसंठाणओविय (१४९०) वण्णओ सुक्किले जे उभइए से उगंधओ
रसओ फासओ देव भइए संठाणओविय (१४१) गंधओजेभवे सुब्बी भइए से उ वण्णओ
रसओ फासओ चेव भइए संठाणओविय (१४९२) गंधओ जे भवे दुबी भइए से उवण्णओ
रसओ फासओ चेव मइए संठाणओविय (४१) रसओ तितए जे उपाइए से उपाणओ
गंधओ फासओ व माइए संठाणओविय (१) रसओ कडुए जे उमइएसे उपपणओ।
गंधओ फासओ चैव मइएसंठाणओविय (Om) रसओ कसाए जे उपइए से उषपणओ
गंधओ फासओ चैव भइए संठाणोविय (HR) रसओ अंबिले जे उ भइए सेउवण्णओ
गंपओ फासओ चेव माइए संठाणसोविय (४९७) रसओ महुरए जे उ भइएसे उवण्णओ
गंधओ फासओ चेव मइए संठाणओविय (१९८) फासओ कक्खडे जे उ पइए से उवण्णओ
गंधओरसओवभइए संपणओविय (१४९५) फासओ मउए जेल भइए से उवण्णओ
गंधओ रसओ चेव मइए संपणओविय
||१४००11-27
॥१४०१||-28
19४०२||-29
॥१४०३1-30
१४०४||-31
||१४०५||-32
१४०६||-33
||१४०७||-34
॥१४०८0-35
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