Book Title: Agam 43 Uttarajjhayanam Mulsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 29
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २० स्तनपपाणि/२९० - ||२८९11 -82 ||२९०-1 ॥२९॥2 २९२|| -3 २९३॥4 ॥२९४॥-5 ॥२९५॥-8 (२९०) एवं करेति संबुद्धापंडिया पवियक्खणा विणियति मोगेसु जहा से नमी रायरिसि-तिबेमि वर्म अभय समत. | दसमं अज्झयणं-दुमपत्तय (१९४) दुमपत्तए पंडुभए जहा निवडइराइगणाण अधए एवं मणुयाणजीवियंसमपंगोयममा पमायए (२१२) कुसग्गेजह ओसबिंदुए थोवं चिट्ठइ लंबमाणए एवं मणुयाण जीवियं समयं गोयममा पमायए इइइत्तरियमि आउए जोवियए बहुपदावापए विहुणाहिरयं पुरे कडं समयं गोयममा पमायए (२९) दुलहे खलु माणुसे भवे चिरकालेण वि सव्वपाणिणं गाढाय विवागा कम्मुणो समयं गोयम मा पमायए (२९५) पुढविकायमइगओ उक्कोसं जीवो उ संबसे कालं संखाईयं समयं गोयम मापमायए । आउकायमइगओउकोसंजीवो उसंवसे कालं संखाईयं समयंगोयप मापमायए (२९७) तेउकायमइगओ उक्कोसंजीयो उसंबसे कालं संखाईयं समयं गोयम मा पमायए (१९८) याउकायमइगओ उक्कोसं जीवो उ संवसे कालं संखाईयं समयं गोयम मापमायए (२९१) वणस्सइकायमइगओ उक्कोसंजीयो उ संवसे कालमनंतदुरंनयं समयं गोयम मापमायए (२००) वेइंदियकायमइगओ उक्कोसंजीवोउसंवसे कालं संखिजसत्रियं समयं गोयम मा पमायए (३०१) तेइदियकायमइगओ उक्कोसंजीवो उसंवसे कालं संखिअसनियं समयं गोयममा पमायए (१०२) बउरिदियकायमइगओ उक्कोसंजीयो उ संवसे कालं संखिशसन्नियं समयं गोयम मा पमापए (101) पंचिंदियकायमइगओ उककोसंजीवो उसंवसे सत्तहमवग्गहणे समयं गोयममा पमायए (१४) देवे नेरइए अइगओ उक्कोसंजीवो उ संवसे इक्केक्कमवगहणे समयं गोयम मा पमायए (१०५) एवं मवसंसारे संसरइ सुखासुहेहि कमेडिं जीवोपमायबहुलो समयं गोयम मा पमायए (१०५) लखूण विमाणुसतणं आरिअत्तं पुणरवि दुल बहवे दसुया मिल्लेक्खुया समयं गोयस मा पमायए ॥२९६॥ -7 ॥२९७1-8 ॥२९८॥ २९९॥ -10 ||३००1-11 ॥३०॥-12 ॥३०२॥-13 ॥३०३॥-184 ॥३०४॥ -16 ॥३०५11 -16 For Private And Personal Use Only

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