Book Title: Agam 43 Uttarajjhayanam Mulsutt 04 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
उत्तरायणाणि-N
IIY YII-24
(४५) जाजा बघायणी न सापडिनियत्तई
अहमंकुणमाणस्स अफलाजंति राइओ (४१६) जाजा वाइरयणी न सा पडिनियत्तई धमंच कुणमाणस्स सफलाजति राइओ
॥४६५1-25 (४६७) एगओ संवसित्ताणं दुहओ सप्पत्तसंजुया
पच्छा जाया गमिस्सामोमिक्खमाणा कुले कुले ४१६||-26 (४५८) जस्सत्थिमधुणा सक्खं जस्स वऽत्यि पलायणं जोजाणे नमरिस्सामि सो हुकंखे सुएसिया
I४६७1-27 (४६९) अजैव धम्म पडिवजयामो जहिं पवनान पुणभवामो-28
अनागयं नेव य अत्यि किंचि सद्धाखमंन विणइत्तुरागं ॥४६८॥ -20 (४७०) पहीणपुत्तस्स हुनत्यि वासो वासिहि मिक्खायरियाइ कालो
साहाहि रुक्खो लहई समाहि छित्राहि साहाहि तमेव खाणुं ॥४९॥ -29 (४७१) पंखाविहूणो व्व महेह पक्ती मिचाविहूणो ब्व रणे नरिंदो।
विवनसारो वणिओ व्व पोए पहरणपुत्तो मितहा अहंपि ॥७०l-30 (४७२) सुसंमिया कामगुणा इसे ते संपिंडिआ अग्गरसप्पभूया
भुंजामु ता कामगुणे पगामंपच्छा गमिस्सामुपहाणमग्गं ॥७१||-31 (४७३) मुत्ता रसा मोइ जहाइणे वओ नजीवियहा पजहामि भोए
लाभ अलाभं च सुहं च दुक्खं संचिक्खमाणोचरिस्सामि मोणं ॥४७२।। -32 (४७४) मा हु तुम सोयरियाण संम जुण्णो व हंसो पडिसोत्तगामी
मुंजाहि भोगाइमए समाणं दुक्खं खुभिक्खायरियाविहारो |७३॥-33 (४७५) जहा य भोई तणुयं भुयंगो निम्मोयणि हिच पलेइ मुत्तो
एमेए जाया पयहंति मोह ते हंकहनाणुगमिस्समेक्को ||४७४||-34 (ret) छिंदित्तु जालं अवलं व रोहिया मच्छा जहा कामगुणे पहाय
धोरेयसीला तवसा उदारा धीरा हुभिक्खारियं धरति ॥७५lt -36 (res) नहेव कुंचा समइक्कमंता तयामिजालाणि दलितुहंसा
पति पुत्ताय पई यमझते कहनाणुगम्मिसमेक्का ॥६॥ -38 (४७८) पुरोहियं तं ससुयं सदारं सोचाऽभिनिखम्म पहाय मोह
कुडुम्बसारं विउलुत्तमंच रायं अमिखं समुवाय देवी । ७७|-37 (४७१) यंतासी पुरिसोरायं न तो होइ पसंसिओ माहणेणं परिवत्तं धर्ण आदाउमिच्छसि
४७८॥-38 (४०) सव्यंजगंजइतुहं सव्यं वावि धणं भवे सव्वं पिते अपञ्जत्तं नेव ताणाय तं तव
।।७५||-39 (४८१) मरिहिसि रायंजया तया वा मणोरमे कामगुणे पहाय ।
एक्को हु धम्मो नरदेव ताणं न विआई अत्रमिहेह किंचि ॥४८०11-40 (४८२) नाहं रमे पक्खिणि पंजरे वासंताणछिना चरिस्सामि मोणं
अकिंचणा उजुकडा निरामिसा परिग्गहारम्मनियत्तदोसा In८||-41
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114