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आहे
१. काऊण नमोक्कारं, तित्थयराणं तिलोगमहियाणं।
कप्पव्ववहाराणं, वक्खाणविहिं पवक्खामि।
त्रिलाक पूजित तीन को नम एका आट आय और वहार की मारव्या पायात ना पिणण
महंगा
चौपड़ा गांव (महाराष्ट्र) का प्रसिद्ध विद्यालय 'विवेकान्द स्कूल'। परम पूज्य आचार्य महाप्रज्ञ का अहिंसा-यात्रा के दौरान वहां पदार्पण। वि. सं. २०६०, माघ शुक्ला चतुर्दशी, (५ फरवरी, २००४) वार बृहस्पति का मंगल दिन। मध्याह्न कालीन वेला। पौने तीन बजे का समय। उस पावन वेला में पूज्यपाद लोकमहर्षि युगप्रधान आचार्य महाप्रज्ञ ने अपने पवित्र कर कमलों से इस विशालकाय ग्रंथ के अनुवाद का शुभारंभ करवाया और मुझे (मुनि दुलहराज को) इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए निर्देश दिया।
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