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આપના ઉપર ચમક્તાં ઢોળાઈ રહ્યાં છે તે આપનું શુકલ ધ્યાન, સર્વજ્ઞતા અને સર્વ કર્મને નાશ કર્તા આપ જ છે તેનાં सूय छे.
हे प्रभु ! गायका दूध, निर्मल जल, कुन्द पुष्प, हिम (बरफ) और मातीके हारके समान ऊज्ज्वल जो स्वच्छ चामर आपके उपर ढोरे जा रहे हैं वे आपके शुङ्क ध्यानका सूचित करते है, और शुक्ल ध्यानसे सर्वज्ञता जाती है, सर्वज्ञतासे सकल कमोंका नाश होता है इन बातोंके सूचक है ॥३८॥ . आखंडलै-रवनि मंडल-भागते स्तै-,
र्भामंडलं तव नुतं मुनिमंडलैश्च ।