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डाकिनी, शाकिनी, योगिनी, राक्षस, भूत, प्रेत और वेताल, इस जयस्मरण से दूर भाग जाते हैं, इसमें कुछ भी संशय नहीं ॥ ५ ॥ घण्टाकर्णप्रभावेण, कामधेनुः सुरद्रुमः । चिन्तामणिनिधिश्चैते, भवन्ति वशवर्तिनः ॥६॥
(६) ५९ना प्रभावथी मधेनु, કલ્પવૃક્ષ, ચિંતામણિરત્ન, નવનિધિ, વગેરે આ સ્તોત્રને સ્વાધ્યાય કરનારને વશ થાય छे, मेट 3 मनामना पूर्ण थाय छे. _____घण्टाकर्ण महावीरके प्रभाव से कामधेनु, कल्पवृक्ष, चिन्तामणि, और निधि, ये सभी वशसर्ती हो जाते है ॥ ६ ॥