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રરૂ ॐ ही श्री न कोई व्याधि होती हैं और न काई दुःखी होता है ॥८॥ ___ॐ ही श्री न होइ जल जलण भयं तह सप्पसिंहभयं ॥९॥
(८) ॐ श्री बनु स्मरण કરવાથી જળ, અગ્નિ, સાપ તથા સિંહને ભય હોતો નથી.
ॐ ही श्री न जलका भय होता हैं, न अग्निका भय होता है, न सर्पका भय होता है और न सिंहका भय होता है ॥९॥ ॐ ही श्री न हेाइ चोरारिसंभव भयं ॥१०॥ . ___ॐ ही श्री चोर और शत्रुसे होने वाला भय नहीं होता है ॥१०॥