________________
२०६
મારા મતકની રક્ષા કરે. ઐ હ્રી અજિતનાથ સ્વામી ! મારા ભાલ પ્રદેશની (કપાजना) २क्षा ४२.
ॐ श्री सारन स्याना होता સંભવનાથ સ્વામી ! મારાં ચક્ષ(આંખ)ની સદા રક્ષા કરો. ___ॐ हूँ। श्री श्रीऋषभस्वामी मेरे शिर की रक्षा करें, अर्थात् इनके प्रभावसे शिर की रक्षा हो। ऐसा सब जगह समझ लेना
चाहिये। - ॐ ऐं क्री श्री अजितनाथ स्वामी मेरे भाल (ललाट)की रक्षा करें ।
ॐ श्री सभी प्रकार के कल्याण को