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છે હીં શ્રી ચંદ્રપ્રભુ જીનેશ્વર ! મારા ખભાની રક્ષા કરો. ____ॐ ही श्रीं क्लीं जिनवर श्री पार्श्वनाथ स्वामी मेरी कण्ठसन्धि की रक्षा करें । ___ॐ ह्रीं श्रीं जिनेश्वर श्री चन्द्रप्रभ स्वामी मेरे स्कन्ध (कंधे ) की सर्वदा रक्षा करें ॥ ५ ॥ ॐ को सुविधिबुद्धि,
___ अवउ सिज्जंस वासुपुज्जो करजं । विमलजिणो उयरं मे,
ॐ ही श्री वण्णसंकलिओ ॥ ६ ॥ (६) ॐ श्री सुविधिनाथ स्वामी 1