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जिनके स्मरणमात्र से सभी प्रकार कि लधि ऋद्धि सिद्धि और समृद्धि भव्य जीवों को मिलती है, उन महाप्रभावशाली श्री गौतमस्वामी को नित्य नमस्कार करता हूँ ॥२॥ नेतारं सर्वसंधस्य, जेतारं कर्मवैरिणाम् । त्रातारं सर्वजीवानां, वन्दे तं गौतमं प्रभुम् ॥ ३ ॥ ___ (3) २॥ गौतम प्रभु वा छ ? सण સંધના નાયક છે, કર્મરૂપી શત્રુઓના વિજેતા છે. સર્વ જીના રક્ષક એવા ગૌતમપ્રભુને મારા નમરકાર જે.
समस्त संघ के नेता कम शत्रुओंको जीतने वाले और सभी जीवों के रक्षक श्री