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१६० ॐ हे चारु (सुन्दर) छत्र और चामरवाली ! प्रसन्न होओ। ॐ हे सहस्र किरणों से प्रकाश करनेवाली ! हे सभी राजाओंको वश करनेवाली ! हे सभी प्रजाको वश करनेवाली ! हे सभी लोगों को वश करनेवाली ! सभीको मेरे वशमें करो! ____ॐ ही श्री क्ली महामायः प्रसीदतु । इन्द्रः प्रसीदतु। सूर्यः प्रसीदतु । सोमः प्रसीदतु । यमः प्रसीदतु। वरुणः प्रसीदतु । वैश्रवणः प्रसीदतु । हरिणैगमेषिदेवः प्रसीदतु । त्रिज़म्भकः प्रसीदतु । शब्दापातिस्वामि स्वातिदेव प्रसीद २ । विकटा पातिस्वामिप्रभासदेव प्रसीद २। गंधापातिस्वाम्यरुणदेव प्रसीद २ ।