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शब्दावयवों को पृथक्-पृथक् कर अभिव्यक्त करना निर्वचन कहलाता है । ' (ख) निर्वचनके लिए प्रयुक्त अन्य नाम
निर्वचनके लिए समानार्थक निरुक्त शब्दका प्रयोग देखा जाता है । निरुक्त शब्द निर्+वच् परिभाषणे+क्त प्रत्ययके योगसे निष्पन्न होता है व का उ सम्प्रसारणके द्वारा हुआ है।' इसका शाब्दिक अर्थ अपिहित अर्थोका प्रकाशन है | अपिहित अर्थोके प्रकाशनमें शब्दोंकी नि:शेष प्रकारकी व्याख्या निरूक्तके अन्दर समाहित है।' निर्वचन के लिए व्युत्पत्तिका प्रयोग हिन्दी भाषामें होता है । ' शब्दोंका मूलान्वेषण व्युत्पत्तिका प्रधान उद्देश्य है । व्युत्पत्तिका शाब्दिक अर्थ है विशिष्ट उत्पत्ति । वि+उत्+पद्+क्तिन् प्रत्ययसे व्युत्पत्ति शब्द निष्पन्न होता है। निर्वचन एवं व्युत्पत्तिमें तात्त्विक अन्तर है, फिर भी हिन्दी भाषा में निर्वचन के लिए व्युत्पत्तिका प्रयोग होता है। अंग्रेजी भाषामें निर्वचन के लिए ETYMOLOGY (इटिमालाजी) शब्द का प्रयोग होता है। यह शब्द मूल रूपमें यूनानी भाषाका शब्द है। Etumos Logos से Etymology शब्द निष्पन्न होता है। Etumos का अर्थ होता है- यथार्थ तथा Logos लेखा जोखा का वाचक है। इसप्रकार Etymology का अर्थ हुआ यथार्थ लेखा जोखा । यूनानी भाषामें यह दर्शनकी एक शाखा थी । युनानी दार्शनिक किसी-किसी शब्द द्वारा व्यक्त भाव एवं तथ्यात्मक विचारके प्रकाशनके लिए शब्दोंके मूल तथा उसके अर्थका अध्ययन करते थे । कालान्तरमें Etymology शब्द भाषा विज्ञानकी एक शाखाके रूपमें प्रचलित होने लगा। किसी खास शब्दका मूल तथा भाषा वैज्ञानिक व्याख्या करने वाला शास्त्र Etymology कहलाता है । शब्दोंका व्युत्पत्ति प्रदर्शन भी इसका काम है । भाषा विज्ञानका यह वह अंग है जो शब्दों के मूल तथा इतिहाससे सम्बन्ध रखता है ।'
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(ग) शास्त्र एवं निर्वचन शास्त्र विवेचन
शास्त्र शब्द शास् अनुशिष्टौ धातुसे ष्ट्रन् प्रत्ययके द्वारा निष्पन्न होता है (शिष्यते अनेन इति शास्त्रम्) । शास्त्र शब्दका शाब्दिक अर्थ होगा शासन करने वाला, उपदेश करने वाला । शासनसे तात्पर्य है प्रवृत्ति एवं निवृत्ति का उपदेश करनेवाला । सत्कर्म की ओर प्रवृत्ति एवं दुष्कर्म की ओर से निवृत्ति का उपदेशक शास्त्र कहलाता है। इसके अनुसार शास्त्र धर्म शास्त्र आदि का
२ : व्युत्पत्ति विज्ञान और आचार्य यास्क