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उववाइय सुत्त
गया हो और वह पुनः समेट कर पात्रादि में डाला जा रहा हो ऐसे आहार को लेने की प्रतिज्ञा वाले अनगार भगवन्त थे ।
उवणीयचरए अवणीयचरए उवणीयावणीयचरए अवणीयउवणीय-चरए ।
भावार्थ - ११. किसी के द्वारा किसी के लिये भेजी हुई भेंट या उपहार - सामग्री में से लेने की प्रतिज्ञा वाले १२. किसी के लिये दी जाने वाली या एक स्थान से दूसरे स्थान पर रखी हुई आहारसामग्री में से लेने की प्रतिज्ञा वाले १३. उपहार - सामग्री जो कि स्थानान्तरित कर दी गई हो, उसमें से लेने की प्रतिज्ञा वाले । अथवा उपनीत और अपनीत दोनों प्रकार का आहार, अथवा दायक के द्वारा पहले गुण और बाद में अवगुण कथन सहित दिये जाने वाले आहार को लेने की प्रतिज्ञा वाले १४. किसी के लिये भेजने के लिये या उपहार देने के लिये अलग रखे हुए आहार अथवा पहले अपनीत और बाद में उपनीत - इस क्रम से दोनों प्रकार का आहार, अथवा दाता के द्वारा प्रथम अवगुण और बाद में गुण कथन सहित दिये जाने वाले आहार को लेने वाले ।
संसचरए असंसचरए तज्जायसंसट्टचरए ।
भावार्थ - १५. शाक आदि से खरडे हुए हस्तादि से दिये जाने वाले आहार को लेने की प्रतिज्ञा वाले १६ बिना खरडे हुए हस्तादि से दिये जाने वाले आहार को लेने की प्रतिज्ञा वाले १७. दिये जा वाले पदार्थ से भरे हुए हस्तादि से दिये जाने वाले आहार को लेने वाले ।
अण्णायचरए मोणचरए दिट्ठलाभिए अदिट्ठलाभिए पुट्ठलाभिए अपुट्ठलाभिए भिक्खालाभिए अभिक्ख-लाभिए ।
भावार्थ - १८ अज्ञात - जिसके द्वारा अपने प्रति अपनेपन की भावना से रहित आचरण होता हो. ऐसे व्यक्ति से भिक्षा लेने की प्रतिज्ञा करने वाले १९. मौन रूप से या मौन दाता से आहार लेने वाले २०. दिखाई देने वाले आहारादि को लेने वाले अथवा पहले देखे हुए दाता के हाथ से आहार-लाभ करने की प्रतिज्ञा वाले, २१ अदृष्ट भक्तादि अथवा पहले से अनुपलब्ध- नहीं देखे हुए दाता के आहार
लाभ की प्रतिज्ञा वाले । २२ 'हे साधु ! तुम्हें क्या दें ?' इस प्रकार पूछकर दिये जाने वाले आहार को लेने वाले । २३. बिना प्रश्न किये ही दिये जाने वाले आहार को लेने वाले । २४. भिक्षा के समान भिक्षातुच्छ आहार लेने वाले २५. जो भिक्षा के तुल्य नहीं है ऐसी भिक्षा - सामान्य आहार लेने वाले । अणगिलाय ओवणहिए परिमिय - पिंड - वाइए सुद्धेसणिए संखादत्तिए । से तं भिक्खायरिया |
भावार्थ - २६. अन्नग्लायक - अभिग्रह विशेष से सुबह में ही रातबासी ठण्डा आहार लेने वाले २७. उपनिहित- भोजन करने को बैठे हुए गृहस्थ के समीप में रखे हुए आहार में से लेने वाले २८. अल्प आहार लेने वाले, २९. शुद्ध आहार - व्यञ्जन से रहित या शङ्कादि दोष से रहित आहार लेने वाले
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