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उववाइय सुत्त
भावार्थ - द्रव्यव्युत्सर्ग-आत्मा से भिन्न द्रव्यों का त्याग किसे कहते हैं ? द्रव्यव्युत्सर्ग के चार भेद कहे गये हैं। जैसे- १. शरीरव्युत्सर्ग - शरीर (देह) की ममता के वर्धक साधनों का त्याग करना २. गणव्युत्सर्ग- गण का और गण के मिथ्याभिमान-वर्धक साधनों का त्याग करना ३. उपधिव्युत्सर्ग - साधन-सामग्रियों का और उनको मोहक बनाने के साधन आदि का त्याग करना और ४. भक्तपानव्युत्सर्ग• आहार- पानी का और उनकी आसक्ति का त्याग करना। यह द्रव्यव्युत्सर्ग का स्वरूप है।
से किं तं भाव-विउस्सग्गे ? भाव - विउस्सग्गे तिविहे पण्णत्ते । तंजहाकसायविउस्सग्गे ९, संसारविउस्सग्गे २, कम्मविउस्सग्गे ३ ।
भावार्थ - भावव्युत्सर्ग-आत्मभाव से भिन्न भावों का त्याग करना किसे कहते हैं ? भावव्युत्सर्ग के तीन भेद कहे गये हैं। जैसे - १. कषायव्युत्सर्ग २. संसारव्युत्सर्ग और ३. कर्मव्युत्सर्ग।
से किं तं कसायविउस्सग्गे ? कसायविउस्सग्गे चउव्विहे पण्णत्ते । तं जहा - कोह- कसाय- विउस्सग्गे १, माण-कसाय - विउस्सग्गे २, माया- कसाय - विउस्सग्गे ३, लोह - कसायविउस्सग्गे ४ । से तं कसाय - विउस्सग्गे ।
भावार्थ - कषायव्युत्सर्ग किसे कहते हैं ? कषायव्युत्सर्ग- आत्मभाव से भिन्न आवेशात्मक भावों के त्याग के चार भेद कहे गये हैं। यथा- १. क्रोध कषाय व्युत्सर्ग २. मान कषाय व्युत्सर्ग ३. माया छल कपट कषाय व्युत्सर्ग और ४ लोभ कषाय व्युत्सर्ग। यह कषायव्युत्सर्ग का स्वरूप है।
से किं तं संसारविउस्सग्गे ? संसारविडस्सग्गे चउव्विहे पण्णत्ते । तंजहा - पोरइयसंसार - विउस्सग्गे ९, तिरिय - संसार - विउस्सग्गे २, मणुय - संसार - विउस्सग्गे ३, देवसंसारविसग्गे ४ । से तं संसारविउस्सग्गे ।
भावार्थ - संसारव्युत्सर्ग-आत्म दशा से विपरीत परिणति का त्याग किसे कहते हैं ? संसारव्युत्सर्ग चार भेद कहे गये हैं। यथा- १. नैरयिक संसार व्युत्सर्ग नरकगति के बन्ध के कारणों का त्याग २. तिर्यञ्च संसार व्युत्सर्ग- आत्मा के तिर्यञ्च अवस्था में परिणत होने के कारणादि का त्याग ३. मनुष्य संसार व्युत्सर्ग- मनुष्यगति के बन्ध कारणों का त्याग और ४. देव संसार व्युत्सर्गदेवगति के बंध के कारणों का त्याग। यह संसारव्युत्सर्ग का स्वरूप है।
से किं तं कम्मविउस्सग्गे ? कम्मविउस्सग्गे अट्ठविहे पण्णत्ते तंजहा- णाणावरणिज्ज कम्मविउस्सग्गे ९, दरिसणावरणिज्ज कम्मविउस्सग्गे २, वेयणीय कम्म - विउस्सग्गे ३, मोहणीय कम्मविउस्सग्गे ४, आऊयकम्म विउस्सग्गे ५, णामकम्म विउस्सग्गे ६, गोयकम्म विउस्सग्गे ७. अंतराय कम्म विस्सग्गे ८ । से तं कम्म विउस्सग्गे । से तं विउस्सग्गे ।
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