Book Title: Tattvartha Vrutti
Author(s): Mahendramuni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 524
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४।३०-३१] चतुर्थ अध्याय. ४१३ पटलमें ८६६६६६६६ करोड़ पल्य और ६६६६६६६४ पल्यकी आयु है। चौदहवें पटलमें ९३३३३३३३ करोड़ पल्य और ३३३३३३३३ पल्यकी आयु है । पन्द्रहवें पटलमें एक सागरकी आयु है। सोलहवें पटल में एक सागर, ६६६६६६६ करोड़ पल्य और ६६६६६६६३ पल्यकी आयु है। सत्रहवें पटलमें एक सागर, १३३३३३३३ करोड़ पल्य और ३३३३३३३३ पल्यकी आयु है। अठारहवें पटलमें बारह कोड़ाकोड़ी पल्यकी आयु है। उन्नीसवें पटलमें १२६६६६६६६ करोड़ पल्य और ६६६६६६६३ पल्यकी आयु है। बीसवें पटलमें१३३३३३३३३ करोड़ पल्य और ३३३३३३३३ पल्यकी आयु है। इक्कीसवें पटलमें चौदह कोडाकोडी पल्यकी आय है। बाईसवें पटलमें १४६६६६६६६ करोड पल्य और ६६६६६६६३ पल्यकी आयु है। तेईसवें पटलमें १५३३३३३३३ करोड़ पल्य और ३३३३३. ३३३ पल्यकी आयु है। चौबीसवें पटल में सोलह कोड़ाकोड़ी पल्यकी आयु है। पच्चीसवें पटलमें १६६६६६६६६ करोड़ पल्य और ६६.६६६६३ पल्यकी आयु है। छब्बीसवें पटलमें १७३३३३३३३ करोड़ पल्प और ३३३३३३३३ पल्यकी आयु है । सत्ताईसवें पटलमें अठारह कोड़ाकोड़ी पल्यकी आयु है। अट्ठाईसवें पटलमें १८६६६६६६६ करोड़ पल्य और६६६६६६६३ पल्यकी आयु है। उनतीसवें पटलमें १९३३३३३३३ करोड़ पल्य और ३३३३३३३३ पल्यकी आयु है। तीसवें पटलमें बीस कोड़ाकोड़ी पल्यकी आयु है । और इकतीसवें पटलमें कुछ अधिक दो सागरकी आयु है। सानत्कुमारमाहेन्द्रयोः सप्त ॥ ३० । सानत्कुमार और माहेन्द्र स्वर्गमें देवोंकी आयु कुछ अधिक सात सागर है। प्रथम पटलमें २७ सागर, द्वितीय पटलमें ३३ सागर, तीसरे पटलमें ४६ सागर, चौथे पटलमें ४६ सागर, पाँचवें पटलमें ५४, छठवें पटलमें ६९ और सातवें पटलमें कुछ अधिक सात सागरकी आयु है। त्रिसप्तनवैकादशत्रयोदशपञ्चदशभिरधिकानि तु ॥ ३१ ॥ ब्रह्म और ब्रह्मोत्तर स्वर्ग में दश सागरसे कुछ अधिक, लान्तव और कापिष्ट स्वर्गमें चौदह सागरसे कुछ अधिक, शुक्र और महाशुक्रमें सोलह सागरसे कुछ अधिक, शतार और सहस्रारमें अठारह सागरसे कुछ अधिक, आनत और प्राणतमें बीस सागर और आरण और अच्युतमें बाईस सागरकी उत्कृष्ट आयु है। इस सूत्रमें 'तु' शब्द यह बतलाता है कि पूर्वसूत्रके 'अधिक' शब्दकी अनुवृत्ति सहस्रार स्वर्ग पर्यन्त हो होती है। अतः आगेके स्वर्गों में आयु सागरोंसे कुछ अधिक नहीं है। ब्रह्म और ब्रह्मोत्तर स्वर्गके प्रथम पटलमें ७१ सागर,द्वितीय पटलमें ८१ सागर, तीसरे पटलमें ९१ सागर और चौथे पटल में दश सागरसे कुछ अधिक आयु है । लान्तव और कापिष्ट स्वर्गके प्रथम पटलमें बारह सागर और दूसरे पटलमें कुछ अधिक चौदह सागरकी आयु है। शुक्र और महाशुक्रमें एक ही पटल है। शतार और सहस्रारमें भी एक ही पटल है। ____ आनत, प्राणत, आरण और अच्युत स्वर्गमें छह पटल हैं। प्रथम पटलमें सागरके तीसरे भागसे कुछ अधिक कम उन्नीस सागरकी आयु है । दूसरे पटलमें बीस सागर, तीसरे पटलमें २०४ सागर, चौथे पटलमें इक्कीस सागर, पाँचवें पटलमें २११ सागर और छठवें पटल में बाईस सागरकी आयु है। For Private And Personal Use Only

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