Book Title: Tattvartha Vrutti
Author(s): Mahendramuni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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ग्रन्थसङ्केतविवरण
२३८ / विन १८७
पवयणसा०क्षे०-प्रवचनसार, क्षेपक
| विश्वलो० -विश्वलोचनकोश पंचास्ति-पञ्चास्तिकाय
वैशे०- वैशेषिकसूत्र पा० धातुपा०-पाणिनिधातुपाठ
२४१ शा० व्या :- शाकटायन व्याकरण ९८,१२३,१३१ पा०म०भा०-पातञ्जलमहाभाष्य
१९९ | पटखं० अ०- षटखंडागम अल्पबहुत्व ४१,४२, पा० महा०-पातञ्जलमहाभाष्य
५,६२ ४३,४४,४५, ४६,४७,४८,४९,५०,५१. पात-पातञ्जल महाभाष्य १३६
५३,५४,५५,५६ पात० महा.- पातञ्जलमहाभाष्य १७६ | | षट्खं० का- घटखंडागम काल ३२,३४,३५,३६ पा० सू०- पाणिनिसूत्र ७२,७९,८६,१७८,
३७,३८,३९,४०. __१८८,१९८,१९९,२३१,२३३ / घटखं० खु०-षटखंडागम खुद्दक बंध ४१ पुरुषार्थसि० -पुरुषार्थसिद्धथुपांय १९० षटर्ख० खे० -पखंडागम खेत्ताणुगम २३,१४,२५ प्रतिष्ठा० -प्रतिष्ठापाठ .
८६ षटवण्डा०- षटखंडागम १४,१५,१६,१७,३५ प्रति० सा० -प्रतिष्ठासारोद्धार
१०८ | घटखं० द्र०- षटखंडागम द्रव्य १७,१८,१९,२१, प्रमाणवा० -प्रमाणवार्तिक
२२.१३ प्र० वार्तिकाल०-प्रमाणवातिकालङ्कार ३ षट्खं० ध० टी० खे०-पखंडागम प्र० व्यो०-प्रशस्तपाद व्योमवती
२ धवलाटीका खेत्ताणुगम बारस अण० -चारस अणुवेक्खा ८८,८९,६०, षट्खं ० फो० -पखंडागम
९१,१०३ फोसणाणुगम २६,२८,२९,३०,३१, बृहत्स्व० श्लोक० -बृहत्स्वयम्भू,
षटखं० भा०- षटखंडागम भावाणुगम ५२,५३ श्लोक २०१,२०३,२११ । पद० समु०- षड्दर्शनसमुच्चय
५६. बोधपा-बोधपाहुड
२१९,२३८ सम्मति- सम्मतितर्क भ० आरा-भगवती आराधना
३०२, सवार्थः, स० सि०-सर्वार्थसिद्धि ८,९,१७,३५, महाबंध
३७,५४,६६, मूलाचा०-मूलाचार
८.,९६,१३८,२०६,२०९, २२०,२३९ या क०-यशस्तिलक कल्प ३,५,८३,२२,२३९, | सं श्रतभ०-सस्कृत श्रतभक्ति
२२३ २५५,२५६,२५७
सागारध०-सागारधामृत यश० पू०-यशस्तिलक पूर्वार्ध
सांख्यका०-सांख्यकारिका योगभा०- योगभाष्य
सिद्धभ०-सिद्धभक्ति योगसू०- योगसूत्र
सिद्धिवि० -सिद्धि विनिश्चय रत्नक०-रत्नकरण्डश्रावकाचार ९१,२२८,२३०,
२४५, २४६,२४७,२५७,२८४,३०८ सुश्रुत० -सुश्रुतसंहिता वराङ्गच०- वराङ्गचरित्र . ११४ सौन्दर०-सौन्दरनन्द काव्य वसु० सा- वसुनन्दिश्रावकाचार १८० हरि० - हरिवंश पुराण
७१
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