Book Title: Sramana 2002 07
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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तीर्थङ्कर अरिष्टनेमि : ११
३६. आवश्यकनियुक्ति, २२१,२२६. ३७. उत्तराध्ययन, २२/२४; कल्पसूत्र, १६४, पृ. २३१; समवायाङ्ग,
१५७/२३; हरिवंशपुराण, ५५/१२५; त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित, ८/
९/२५३. ३८. आवश्यकनियुक्ति, २२९. ३९. कल्पसूत्र, १६५. ४०. समवायाङ्ग, २३/२. ४१. आवश्यकनियुक्ति, २७५, पृ. २०७. ४२. त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित, ८/९/२७७. ४३. भवभावना, ४६२३. ४४. हरिवंशपुराण, ५६, श्लोक १११,११३. ४५. आवश्यकनियुक्ति, २५४. ४६. समवायाङ्ग, ११. ४७. आवश्यकनियुक्ति, २९०-९१. ४८. त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित, ८/९/३७५. ४९. उत्तरपुराण, ७१/१८२/८७. ५०. कल्पसूत्र, १६६, पृ० २३६. ५१. अभिधानराजेन्द्रकोश, भाग-६, पृ० ४९९. ५२. त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित, ८/१२/११३. ५३. परितुट्ठमणा य रायमई विपत्ता समोसरणं, उत्तराध्ययन (सुखबोधा वृत्ति),
पृ० २२१. ५४. भवभावना, ३७१६. ५५. त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित, ८/१०/१४८. ५६. आवश्यकनियुक्ति, गाथा २५६.
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