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जैन संस्थाएँ एवं समाज में उनका योगदान : १२३ सन्दर्भ-सूची १. विलास, ए. संगवे, जैन कम्युनिटी, ए सोशल सर्वे, द्वितीय संस्करण, बम्बई
१९८० ईस्वी, पृ० २६६. रिपोर्ट ऑफ महावीर कल्याण केन्द्र, बम्बई १९७० ईस्वी, जैन श्वेताम्बर डायरेक्टरी, अंक १-२, पृ. ५ २२.
विलास ए० संगवे, पूर्वोक्त, पृ. २६७. ४. एम०बी० झवेरी, हिस्टॉरिकल फैक्ट्स एबाउट जैनिज्म, १९२५ ईस्वी,
पृ० १७-१८. परमेष्ठीदास जैन, 'जैन समाज के बीसवीं सदी के प्रमुख आन्दोलन' प्रेमी अभिनन्दन ग्रन्थ, टीकमगढ़ १९४६ ईस्वी, पृ० ६५३. सी०डी० दलाल एवं एल० बी० गांधी, डिस्क्रिप्टिव कैटलॉग ऑफ
मैन्युस्क्रिप्टस् इन जैन भण्डार ऐट जैसलमेर, बडोदरा १९२३ ई०. ७. कपूरचन्द जैन, प्राकृत एवं जैनविद्या शोध सन्दर्भ, खतौली १९९१.
त्रिलोकचन्द कोठारी, भगवान् महावीर की परम्परा एवं समसामयिक सन्दर्भ, कोटा, २००१ ई०, पृ० ९४-११४ एवं विद्याधर जोहरापुरकर, भट्टारक सम्प्रदाय, पृ० ७-१७. कस्तूरचन्द कासलीवाल, जैन समाज का बृहद् इतिहास, जयपुर १९९२ .
ई०, पृ० १०. १०. डॉ० कपूरचन्द जैन, प्राकृत एवं जैन विद्या शोध सन्दर्भ, पूर्वोक्त, पृ०
१९-२३. ११. वेद वीर शिक्षा विशेषांक, १९६७, अंक ३६, पृ० ३७-४१, ६२-७०. १२. विलास ए० संगवे, पूर्वोक्त, पृ० २७४-७५. १३. वही, पृ० २७५. १४. वही, पृ० १०-११. १५. हुकमचन्द अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ० ४१८-४२२. १६. कासलीवाल, पूर्वोक्त, पृ० १०. १७. त्रिलोकचन्द कोठारी, दिगम्बर जैन समाज, वैचारिक विकास एवं
सामाजिक दर्शन : बीसवीं शताब्दी का समीक्षात्मक अध्ययन,
शोधप्रबन्ध १९९९-२०००, पृ० २१३. १८. वही, पृ० २२०. Jain Education International
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