Book Title: Sramana 2002 07
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 165
________________ विद्यापीठ के प्रांगण में दिनांक १२ जुलाई को जबलपुर विश्वविद्यालय के पुस्तकालय विज्ञान विभाग के प्रवक्ता डॉ० संजीव सर्राफ का पार्श्वनाथ विद्यापीठ में आगमन हुआ। यहाँ उन्होंने Classification of Jaina Text and Modern System नामक विषय पर एक व्याख्यान दिया और उपस्थित विद्वानों एवं शोध छात्रों की विभिन्न शंकाओं का सुन्दर समाधान भी किया। २ अगस्त को इंग्लैण्ड के Mr. Caris Philpott विद्यापीठ में पधारे और उन्होंने यहाँ चातुर्मासार्थ विराजित साधु-साध्वियों से वार्ता की। इसी माह प्राकृत-भाषा के मर्मज्ञ आचार्य विश्वनाथ पाठक का यहाँ शुभागमन हुआ। २३ अगस्त को उन्होंने यहाँ प्राकृत एवं हिन्दी-भाषा विज्ञान नामक विषय पर अपना सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया। सामाजिक समरसता एवं भगवान् महावीर नामक संगोष्ठी सम्पन्न पार्श्वनाथ विद्यापीठ में १७ नवम्बर को 'सामाजिक समरसता एवं भगवान् महावीर' नामक एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ एवं वाराणसी के स्थानकवासी समाज द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस संगोष्ठी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी-विभाग के प्रो० राजमणि शर्मा, दर्शन-विभाग के प्रो० मुकुलराज मेहता, काशी विद्यापीठ के इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो० परमानन्द सिंह, डी०ए०वी० कालेज, वाराणसी के पूर्व प्राचार्य डॉ० शीतिकण्ठ मिश्र तथा स्थानकवासी समाज, वाराणसी के अध्यक्ष श्री स्वतन्त्र सिंह नाहर, मानवमिलन के वाराणसी शाखा के संयोजक, सुप्रसिद्ध उद्यमी श्री आर० के० जैन तथा बड़ी संख्या में स्थानीय विद्वान् एवं जैन समाज के गणमान्य जन उपस्थित थे। इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार सरकार के शिक्षा, संसदीय कार्य एवं लघु सिंचाई मन्त्री डॉ० आर०सी० पूर्वे सपत्नीक उपस्थित थे। विद्यापीठ की ओर से आगन्तुक अतिथियों को शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। ज्ञातव्य है कि यह संगोष्ठी विद्यापीठ में चातुर्मासार्थ विराजित साधु-साध्वियों की विदाई के अवसर पर आयोजित की गयी थी। श्री मणिभद्रजी म० एवं श्री पदममुनि जी म० के मङ्गलाचरण से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर कानपुर से अपने माता-पिता के साथ पधारी नन्हीं बालिका स्तुति जैन ने एक सुन्दर भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। संगोष्ठी में प्रो० परमानन्द सिंह, प्रो० मुकुलराज मेहता आदि के साथ-साथ पार्श्वनाथ विद्यापीठ में विराजित साध्वी भव्यानन्द जी म०, साध्वी चन्द्रप्रभा जी एवं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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