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जैन जगत्
जैन श्रावकाचार पर राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी सम्पन्न
लखनऊ १५-१६ अगस्त : दिगम्बर जैन चातुर्मास समिति तथा साधु-सन्त सेवा समिति, चारबाग, लखनऊ द्वारा पूज्य मुनि श्री सौरभसागर जी तथा मुनि श्री प्रबलसागर जी के पावन सान्निध्य में जैन श्रावकाचार पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुन्नेलाल कागजी धर्मशाला, चारबाग, लखनऊ में १५-१६ अगस्त २००२ को चार सत्रों में आयोजित इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न भागों से पधारे विद्वानों ने श्रावकाचार का परिचय, विभिन्न श्रावकाचार, वर्तमान में उनकी प्रासंगिकता तथा उनमें अपेक्षित सुधार आदि विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की।
जैन योग पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
मुम्बई ६ अक्टूबर, पन्यासप्रवर मुनिश्री अरुणविजयजी महाराज के पावन सान्निध्य में जूहू विले पार्ले, मुम्बई में जैन योग पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें देश के विभिन्न भागों से पधारे लगभग ५० विद्वानों ने अपने-अपने शोध पत्रों का वाचन किया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी की ओर से डॉ० विजय कुमार ने " जैन ध्यान साधना का क्रमिक विकास एवं डॉ० सुधा जैन ने "जैन योग साहित्य : एक परिशीलन" नामक शोध आलेख का वाचन किया।
प्राच्य विद्यापीठ, शाजापुर में राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
डॉ० सागरमल जैन पारमार्थिक शिक्षण न्यास द्वारा संचालित 'प्राच्य विद्यापीठ', शाजापुर ( म०प्र०) में दि० ९-११-०२ से १०-११-०२ तक 'भारतीय चिन्तन में जीवन मूल्य' नामक विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गयी। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता नवीन स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० तुग्नावत ने की। विशेष अतिथि कर्नल डी०एस० बया- उदयपुर एवं श्री शान्तिलाल जी सूर्या उज्जैन थे। विषयप्रवर्तन प्रो० सागरमल जी ने किया। इसी अवसर पर गायत्री परिवार, शाजापुर
संस्थान को आचार्य श्रीराम शर्मा द्वारा रचित साहित्य एवं कर्नल बया ने प्राथ्य विद्यापीठ को २१ हजार रुपये का चेक प्रदान किया। दो दिवसीय इस संगोष्ठी में डॉ० अरुणप्रताप सिंह- वाराणसी, डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय- वाराणसी, कर्नल डी०एस० बया- उदयपुर, डॉ० सुरेश सिसोदिया- उदयपुर, डॉ० विनोदकुमार शर्मा- शाजापुर
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