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श्रीचन्द्रसूरि
प्रभानन्दसूरि
चारुचन्द्र
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विमलचन्द्रसूरि
I
गुणशेखरसूरि
खरतरगच्छ - रुद्रपल्लीयशाखा का इतिहास :
जिनवल्लभसूरि
1
जिनशेखरसूरि
संघतिलकसूरि
I
सोमतिलक
1
पद्मचन्द्रसूरि
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1
विजयचन्द्रसूरि
जिनभद्र
गुणशेखर
( इन्हें श्रीतिलकसूरि ने उपाध्यायपद तथा श्रीचन्द्रसूरि ने आचार्य पद पर प्रतिष्ठित किया)
1
अभयदेवसूरि (द्वितीय)
1
देवभद्रसूरि
विमलचन्द्रसूरि
३. षट्दर्शनसमुच्चयटीका – रुद्रपल्लीयशाखा के संघतिलकसूरि के शिष्य सोमतिलक अपरनाम विद्यातिलकसूरि ने वि० सं० १३९२ / ई० सन् १३३६ में उक्त कृति की रचना की। इसकी प्रशस्ति में उन्होंने अपनी गुर्वावली तथा कृतिकाल आदि का उल्लेख किया है :
श्रीचन्द्रसूरि
श्रीतिलकसूरि
( गौतमपृच्छावृत्ति के रचनाकार)
६७
अपरनाम विद्यातिलकसूरि (वि.सं. १३९२ / ई० सन् १३३६ में षट्दर्शनसमुच्चयटीका के रचनाकार)
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