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पहला पाठ वर्णमाला (Alphabet)
किसी भी भाषा की मूल ध्वनियों तथा उनकी प्रकृतियों या चिन्हों को वर्णं कहते हैं और किसी भी शब्द - गठन या पदसंरचना के लिए ये वर्ण-चिन्ह अनिवार्य माने गए हैं । इन वर्णो को दो भागों में विभाजित किया गया है ।
Somed
क. स्वर-वर्ण
इसके अन्तर्गत वे वर्णं प्राते हैं, जिनके उच्चारण में अन्य वर्णों की सहायता की अपेक्षा नहीं होती । प्राकृत-व्याकरण के अनुसार प्राकृत के स्वर वर्ण निम्न प्रकार हैं
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(१) ह्रस्व स्वर - प्र. इ. उ.
(२) दीर्घ स्वर प्र. ई. ऊ. ए. प्रो.
ध्यातव्य -
प्राकृत भाषा में ऋ, ऐ, औौ एवं अः स्वर वर्ण नहीं पाए. जाते । ख. व्यञ्जन वर्ण
प्राकृत - व्याकरण के नियमानुसार व्यञ्जन वर्ण वे हैं, जिनके उच्चारण में स्वर-वर्णों की सहायता अपेक्षित हो । ये व्यञ्जन वर्ण निम्न प्रकार हैं :
क वर्ग - क. ख् ग् घ्. च - वर्ग - च. छ. ज्. झु. ट-वर्ग-द. ठ् ड् ढ् ण. ( मूर्धन्य )
( कण्ठ्य) (तालव्य)
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