Book Title: Saral Prakrit Vyakaran
Author(s): Rajaram Jain
Publisher: Prachya Bharati Prakashan
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स० संवो०
- -
विभक्तियाँ
( ६२ ) रायत्तो - रायाहितो, रायासुतो रायम्मि
राएसु हे राया - हे राया अप्पा (आत्मा) एकवचन
बहुवचन अप्पा
अप्पा अप्पं अप्पेण - अप्पेहि अप्पस्स - अप्पाणं अप्पत्तो -अप्पाहिंतो, अप्पासुतो अप्पम्मि - अप्पेसु हे अप्पा - हे अप्पा
प० . वी०
- -
त०
च०, छ०पं०
संवो
-
इकारान्त एवं उकारान्त पुलिंग शब्द
प्राकृत में इकारान्त एवं उकारान्त पुलिंग शब्दों के विभक्ति-चिन्ह प्रायः एक समान होते हैं। जैसे :
इकारान्त-उकारान्त-इकारान्त-उकारान्त विभक्तियाँ एकवचन
बहुवचन प०- ई - ऊ - ई - ऊ वी०- अं ॐ - ई - ऊ त० - णा - णा - हिं - हिं च०, छ०-स्स- स्स - णं - णं पं० - त्तो - तो -हितो, सुतो-हितो, सुतो स० --म्मि-म्मि .- सु - सु संवो-इ - उ
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