Book Title: Saral Prakrit Vyakaran
Author(s): Rajaram Jain
Publisher: Prachya Bharati Prakashan
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प०
मुणि
। । । । । । ।
इसके प्रयोग इस प्रकार किए जा सकते हैं :
इकारान्त मुनि शब्द विभक्तियाँ एकवचन बहुवचन
मुणी - मुणी वी० - त० - मुणिणा -. मुणीहि च० स० - मुणिस्स - मुणीहिं
मुणित्तो -मुणीहितो, मुणीसुतो
मुणिम्मि - मुणीसु संवो - हे मुणि - हे मुणी
हरि शब्द विभक्तियाँ एकवचन
बहुवचन हरी । - वी० - हरि - हरी त० - हरिणा - हरीहिं च०,छ० - हरिस्स - पं०
हरित्तो - हरीहितो, हरीसुतो स०
हरिम्मि - हरीसु सवो - हे हरि - हे हरी
इसी ( ऋषि ) शब्द विभक्तियाँ एकवचन
बहुवचन - . इसी वी० - इसिं
इसी इसिणा -
इसीहि
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प०
हरी
। । । । ।
हरीणं
-
प.
इसी
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