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( ७६ ) (ख) भूतकाल के प्रत्यय ( विन्ह )
विशेष--ध्यातव्य--(अ) भूतकाल में अकारान्त ( अर्थात् संस्कृत में व्यंजनान्त ) धातुओं में सभी पुरुषों एवं वचनों में "ई" प्रत्यय लगता है। (आ) अन्य प्राकारान्त एकारान्त एवं प्रोकारान्त धातुओं में सभी पुरुषों एवं सभी वचनों में 'ही," "ही," "सी," प्रत्यय जुटते हैं , उदाहरणार्थ
__ पुरुष एकवचन बहुवचन पढमो पुरिसो ईअ. ई| व्यंजनान्त मज्झिमो पुरिसो ,
,, | धातुओं . उत्तिम पुरिसो
,, के लिए पुरुष एकवचन बहुवचन
प० पु०-हीअ, ही, सी ही, ही, सी | स्वरान्त - म० पु०-" , , , , " धातुप्रो
उ० पु०-, , , , , , के लिए - धातु रूपों में इनके प्रयोग इस प्रकार किए जावेंगे :(१) हो ( होने अर्थ में भू ) धातु . . ___ पुरुष एकवचन
बहुवचन प० पु० - होहीअ, होही, होसी-होहीअ, होही, होसी म० पु० - " . , , -- " , । उ० पु० - "
" " " " (२) पढ ( पढने अर्थ में पठ् ) धातु
एकवचन
बहुवचन प० पु० - पढिहीअ, पढिय पढिहीय, पढिय
पढिही, पढिसी पढिही, पढिसी
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पुरुष
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