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च-सहचरः = सहय रो, सहअरो। " वाचणा=वायणा, वारणा , वचनं = वयणं, वअणं ज-पूजा =पूया, पूमा। ... ,, भुजा = भुया, भुना। राजा-रायो, राम्रो। त-पिता=पिया, पिया।
माता-माया, माया द-भेदः=भेयो, भयो।
कदम्बः = कयंबो, कबो मदनः-मयणो, मप्रणो प-रिपुः =रिऊ। विपुलम्-विऊलं, य-प्रयोजनम् = पयोयणं, पोअणं । वायु-वाऊ, व-प्रावृषः = पाउसो (वर्षाऋतु)।
दिवसः =दियहों ,दिअहो अपवादयहाँ 'प्राय': शब्द वैकल्पिक हैं अर्थात् कहीं-कहीं लोप नहीं होता। जैसे :
सुकुसुमं =सुकुसुमं; पियगमणं =पियगमणं; सचावं = सचावं, विजणं = विजणं,
अतुलं = अतुलं, आदरो= आदरो आदि । इसी प्रकार संग मो, अक्को, कालो, आदि में भी उक्त
नियम लागू नहीं होता। (२) मा एवं उ स्वरों के बाद आने वाले 'प, का 'व' हो जाता है। जैसे
पापं = पावं। उपाय: = उवायो। उपहासः = उवहासो।
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