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प्रवचन-4
मूलकर्म के आठ भेद और उषमाएँ
जीवके 8 गुण और 8 कर्मव उनकी विकृति
कर्म की प्रकृतियों के विषय में आज हम विस्तार से विचारणाविवेचना करेंगे।
कर्म की मुख्य प्रकृतियाँ आठ होती हैं1.ज्ञानावरण कर्म
आत्मा का मुख्य गुण ज्ञान है। वह अनंत है। जगत के अनंत पदार्थों को प्रकाशित करने में वह समर्थ है। फिर भी हमारा आज
रे कर्म तेरी गति न्यारी...!! /54
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